सुकमा 23 फरवरी (वार्ता) छत्तीसगढ़ के घोर नक्सल प्रभावित क्षेत्र में त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव के तीसरे और अंतिम चरण का मतदान शनिवार को संपन्न हुआ। इस दौरान सुकमा जिले में आजादी के 77 साल बाद ब्लॉक के पांच पंचायतों में पहली बार मतदान हुआ। सुकमा जिले के कोंटा विकासखंड में शांतिपूर्ण तरीके ग्रामीणों ने भयमुक्त होकर अपने मताधिकार का प्रयोग किया। इस पंचायत चुनाव में माओवादियों के गढ़ कहे जाने वाले पूवर्ती गांव जहां ग्रामीणों ने पहली बार नक्सल दहशत को धता बताते हुए लोकतंत्र के महापर्व में न सिर्फ हिस्सा लिया, बल्कि अपने गांव में पानी, सड़क और शिक्षा की मांग भी की।
पूवर्ती के आंगनबाड़ी केंद्र में बनाए गए पोलिंग बूथ क्रमांक 13 में सुबह मतदान शुरू होने से पहले ही ग्रामीणों की भीड़ केंद्र में जमा होने लगी। वार्ड क्रमांक 9 से 17 तक के लिए वोट पूवर्ती में डाले गए।
पूवर्ती गांव इसलिए भी खास है, क्योंकि यह इलाका नक्सलियों से जुड़े संगठन पीएलजीए का गढ़ था। जहां नक्सली नेता माड़वी हिड़मा की ‘जनताना सरकार’ चलती थी।
कलेक्टर एवं जिला निर्वाचन में कोंटा विकासखंड के सभी 67 ग्राम पंचायत के 128 मतदान केंद्रों में स्वतंत्र, निष्पक्ष एवं शांतिपूर्ण निर्वाचन के लिए मतदान हुआ। जनपद पंचायत कोंटा के अंतर्गत 128 मतदान केंद्र बनाये गए जिसमे सुरक्षा की दृष्टि से 51 संवेदनशील मतदान केंद्र और 77 अति संवेदनशील मतदान केन्द्र बनाये गए। इनमें 59 मतदान केंद्र शिफ्ट किए गए और महिलाओं के लिए 15 पिंक बूथ भी बनाए गए थे। कोंटा विकासखंडों में 64 हजार 580 मतदाता पंजीकृत हैं जिनमें पुरुष मतदाता 30 हजार 743 व महिला मतदाता 33 हजार 837 शामिल हैं।
अंतिम चरण में कोंटा ब्लॉक के चार जिला पंचायत सदस्य, 19 जनपद सदस्य, 59 सरपंच और 352 पंच पदों के लिए मतदान हुआ। निर्वाचन प्रक्रिया में भाग लेने के लिए पंच के 840 प्रत्याशी, सरपंच के लिए 198 प्रत्याशी, जनपद सदस्य के लिए 69 प्रत्याशी और जिला पंचायत सदस्य के लिए 15 प्रत्याशी मैदान में हैं। इसमें आठ सरपंच और 570 पंच अभ्यर्थी निर्विरोध निर्वाचित किए गए हैं।
गौरतलब है कि त्रि-स्तरीय पंचायत चुनाव के अंतिम चरण के अंतर्गत रविवार को प्रदेश के 50 विकासखंडों में मतदान संपन्न हुआ। जिसके परिणाम 24 फरवरी को घोषित होंगे।