महंगाई के कारण पालकों और छात्रों की चिंता बढ़ी, राहत की मांग
इंदौर. देश जहां अपनी उन्नति की ओर अग्रसर है वहीं आम जनता केंद्र सरकार से अपने लिए सुविधाओं पर उम्मीद लगाए बैठी है. बढ़ती महंगाई की बात करें तो इसमें शिक्षा के लिए छात्रों और पालकों ने फीस में राहत देने की बात की है.
पिछले कई वर्षों से बढ़ती महंगाई पर लगाम नहीं लग पाई है. हर वस्तु के दाम घटने के बजाए बढ़े हैं. इसके बीच एक आम आदमी पर अपने बच्चों की बेहतर शिक्षा का भार भी बना रहता है लेकिन उच्च शिक्षा हासिल करने के लिए आज जितनी फीस वसूली जा रही है उतनी ही बेहतर शिक्षा लोगों से दूर होती जा रही है. इसका नतीजा यह भी हो सकता है कि भविष्य में उच्च शिक्षा लेने वाले युवाओं की संख्या घट जाएगी. अपने बच्चों के भविष्य और उच्च शिक्षा दिलवाने के लिए पालकों ने अपनी बात में केंद्र शासन से अपनी बात रखी है कि जिस तरह हर वर्ष बजट में वस्तुओं की दरों पर विचार किया जाता है. ठीक उसी तरह शिक्षा के लिए एक सत्र शुरू करना चाहिए, जिसमें ऐसे स्कूलों और कॉलेजों को चिन्हित किया जाए जो मोटी फीस वसूल रहे हैं. बजट के तहत ऐसी गईड लाईन तैयार हो जिसमें छात्रों को शिक्षा का अधिक से अधिक लाभ मिल सकें.
इनका कहना है…
शिक्षा फीस में बड़ी कटौती होनी चाहिए ताकि हर किसी को उच्च शिक्षा मिल सके. यहां उनका अधिकार है और अच्छी शिक्षा दिलवाना केंद्र और राज्य शासन की जिम्मेदारी भी.
– हामिद कुरैशी
अगर ऐसे ही फीस में बढ़ोत्री होती रही तो लोग अपने बच्चों को पढ़ा नहीं सकेंगे और अशिक्षितों की संख्या बढ़ेगी, जो युवा पीढ़ी पर बुरा असर डाल सकती है.
– अर्जुन सिंह मेवाड़ा
कई आंदोलन हुए लेकिन आज भी कॉलेज स्कूल की फीस में कटौती नहीं हो पाई है. कई पालक अपने बच्चों के उज्जवल भविष्य के खातिर लोन लेकर बच्चों को पढ़ाते है. मनोज कुमार पाण्डे