मरीजों और डॉक्टरों को हो रही परेशानी
बॉटल से धोना पड़ रहे हाथ
इंदौर: नगर निगम का एक और दावा झूठा साबित हुआ हैं. पानी की किल्लत जहां शहर के कोने कोने में देखी गई अब वही पानी का किल्लत का असर सरकारी अस्पताल में भी दिखाई देने लगा है जिसके चलते मरीज से लेकर ड्यूटी डॉक्टर तक परेशानी उठा रहे हैं. जिसको लेकर जूनियर डॉक्टर की टीम ने डीन से मुलाकात की.मामला एमटीएच अस्पताल से जुड़ा हुआ है जहां इस समय पानी की बड़ी समस्या आ खड़ी हुई है. बताया जाता है कि पिछले 15 दिनों से अस्पताल में पानी नहीं आ रहा हैं जिसकी वजह से मरीज को खासी परेशानी उठाना पड़ रही है. शौचालय से लेकर मरीज को स्पंज करने तक का पानी नहीं मिल पा रहा.
इसके अलावा सबसे बड़ी समस्या यहां सामने आई है कि ऑपरेशन या प्रसूति करवाने के बाद डॉक्टर को हाथ धोने और औजार धोने के लिए एक गिलास भी पानी नहीं है. मजबूरन डॉक्टर को नॉरमल सलाइन की बोतल से हाथ धोना पड़ रहा है जिसकी वजह से बॉटल खत्म हो जाती है. ऐसे में मरीजों को बोतले भी नहीं लग पाती. पानी की किल्लत के कारण मरीजों में इंफेक्शन फैल रहा है. वहीं डॉक्टर भी बीमार पड़ रहे हैं. इस पानी के आकाल का कारण बताया जाता है कि अस्पताल में लगे चारों बोरवेल से पानी का स्तर नीचे उतर कर चुका है. पानी की पूर्ति के लिए अस्पताल प्रबंधन द्वारा नगर निगम से मदद मांगी गई. वहीं नगर निगम में पानी की पूर्ति के लिए वादा किया लेकिन नगर निगम भी इतने बड़े अस्पताल को पानी देने में विफल रहा.
इनका कहना है
दिन भर में 300 ओपीडी पेशेंट आते हैं. 50 ऑपरेशन व 50 प्रसूति होती है. ऐसे में औजार धोना, पेशेंट को साफ करना और हमारे हाथों को धोना नहीं हो पा रहा. हाथों से बदबू आ रही है. कई डॉक्टर बीमार हो रहे हैं.
– डॉ आर.के पचौरी
हम आपातकालीन ड्यूटी पर है. 18 घंटे काम करने के बाद गंदे हाथों से हम खाना नहीं खा पाए. कई डॉक्टर भूखे हैं. डॉक्टर और पेशेंट वॉशरूम नहीं जा पा रहे. सलाइन की बोतल से काम चला रहे हैं.
– डॉ अंजलि
एक और बोरिंग की परमिशन मिली
चारों बोरवेल सूखने के बाद अभी हम नगर निगम की सप्लाई पर डिपेंड है प्रतिदिन 70 से 80 हजार लीटर पानी की आवश्यकता होती है जो भी नहीं मिल पा रहे थे. महापौर द्वारा एक और बोरिंग की परमिशन मिली है, हमने सभी पाइप लाइन को 4 इंची करने के साढ़े आठ लाख रुपए जमा कर दिए हैं जल्दी सभी को सुविधा मिलेगी.
– डॉ संजय दीक्षित डीन एवं सीईओ