फैक्ट फाइल
नक्शा बटांकन की पेंडेंसी 186090
डुप्लीकेट नंबर की पेंडेंसी 287
अनलिंक्ड खसरे की पेंडेंसी 109733
अनलिंक्ड नक्शे की पेंडेंसी 52562
नामांतरण की पेंडेंसी लगभग 11000
मामलों का हुआ निपटारा 22403
जबलपुर:नक्शा बटांकन और नामांतरण की पेंडेंसी दिन-ब-दिन बढ़ती जा रही है। जिसके लिए कलेक्टर द्वारा सभी एसडीएम व तहसीलदारों को निर्देशित भी किया गया था कि राजस्व महाअभियान अंतर्गत सभी लंबित कार्यों में प्रगति लाई जाए और इसमें लापरवाही बिल्कुल बर्दाश्त नहीं की जायेगी। इसके बाद भी राजस्व विभाग का अमला प्रकरणों के निराकरण में तेजी नहीं दिखा पा रहा है और आमजन कार्यालय के चक्कर काटने के लिए मजबूर हो गए है। इनमें सबसे ज्यादा परेशान नक्शे का बटांकन करवाने वाले हो रहे है। जिले में नक्शा बटांकन के 186090 प्रकरण पेंडिंग हैं। वही नामांतरण के प्रकरणों की पेंडिंग भी कम नहीं है। इसका आँकड़ा 11 हजार तक पहुँच चुका है। बावजूद इसके इन कार्यों को तीव्र गति से नहीं किया जा रहा है और लोगों को परेशानी झेलनी पड़ रही है।
पांच छह प्रकार के बटांकन
जानकारों की माने तो नक्शे बटांकन के भी पांच छह प्रकार हैं। जैसे डुप्लीकेट नंबर जिसकी पेंडेंसी 287 है, इसमें एक व्यक्ति को दो नंबर एलॉट हो जाते हैं। इसके बाद अनलिंक्ड खसरे की पेंडेंसी 109733 है, साथ ही नक्शे जो लिंक नहीं हुए उनकी पेंडेंसी 52562 है। अंत में शापदिक सर्वेक्षण संख्याक की पेंडेंसी 812 है। नियमों को देखे तो राजस्व विभाग के प्रकरणों के निबटारे की जिम्मेदारी पटवारी और आरआई की होती है। पटवारी, आरआई का कहना है कि वे राजस्व प्रकरणों के निपटारे के लिए लगे हुए है। जल्द ही पेंडेंसी को खत्म किया जाएगा।
पेंडेंसी हो रही कम
बढ़ती पेंडेंसी के साथ ही कुछ प्रशासनिक अधिकारी धीरेंद्र सिंह जैसे भी मौजूद है जो अपना कार्य पूरी निष्ठा के साथ कर रहे हैं। ऐसे ही अधिकारियों के चलते लगभग 22403 लंबित राजस्व के मामलों को निपटा लिया गया है। बटांकन के प्रकरणों के साथ ही नामांतरण की पेंडेंसी भी कम नहीं है। जिले में नामांतरण के लगभग 11 हजार प्रकरण लंबित हैं। यह भी लोगो की परेशानी का कारण बना हुआ है। लोगो ने जमीन, मकान तो खरीद लिया गया है, लेकिन उसका नामांतरण ही नहीं हो पा रहा है। इसके अलावा सीमांकन के 2100 और बँटवारा के 1000 के आसपास प्रकरण भी लंबित हैं।
इनका कहना है
नक्शा, नामांतरण जैसे अन्य लंबित राजस्व प्रकरणों को तीव्र गति से निपटाया जा रहा है। सभी अधिकारी अपने अपने कार्य कर रहे हैं। जल्द ही पेंडेंसी कम की जाएगी।
धीरेंद्र कुमार सिंह, डिप्टी कलेक्टर