उज्जैन। मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने सिंहस्थ 2028 की जिस परियोजना की परिकल्पना की गई है। वह धीरे-धीरे धरातल पर उतरते दिखाई दे रही है। मध्य प्रदेश के अपर मुख्य सचिव राजेश राजौरा पूर्व में मीटिंग ले चुके हैं। उसी को क्रियान्वित करने के लिए कलेक्टर नीरज कुमार सिंह शिद्दत से जुटे हुए हैं। सिंहस्थ 2028 को सफलतापूर्वक आयोजित करवाने हेतु जिले में विभिन्न अधोसंरचना विकास के कार्य प्रगतिरत है। सिंहस्थ 2028 में साधु संत और श्रद्धालुओं का स्नान मां क्षिप्रा के जल से किया जाना सुनिश्चित किया जा रहा है। कलेक्टर श्री सिंह ने कान्ह क्लॉज डक्ट परियोजना अंतर्गत छायन में क्लॉज डक्ट की लेयिंग के कार्य का निरीक्षण किया और परियोजनांतर्गत कास्टिंग कार्य की गति बढ़ाने नलवा में स्थापित नवीन कास्टिंग यार्ड का निरीक्षण कर कार्य की प्रगति की समीक्षा की।
योजनाओं का अवलोकन, काम समय पर हो
मां क्षिप्रा को स्वच्छ व निर्मल रखने कान्ह क्लॉज डक्ट परियोजना, सेवरखेड़ी-सिलारखेड़ी परियोजना, हरियाखेड़ी परियोजनाओं पर एकीकृत रूप से कार्य किया जा रहा है। कलेक्टर नीरज कुमार सिंह द्वारा सभी योजनाएं गुणवत्तापूर्वक व समयावधि में पूर्ण करवाने दृष्टिगत निर्माण कार्यों की सतत मॉनीटरिंग की जा रही है। मध्य प्रदेश के अवर मुख्य सचिव राजेश राजोरा पूर्व में मीटिंग लेकर उज्जैन के अधिकारियों को कह चुके हैं कि समय सीमा में कार्य पूर्ण हो जाने चाहिए। इसी के तहत कलेक्टर लगातार अवलोकन करके अधीनस्थ अफसरों को दिशा निर्देश दे रहे हैं।
महत्वपूर्ण परियोजना, सिलार खेड़ी में निरीक्षण
मोक्षदायनी शिप्रा के जल से ही श्रद्धालुओं को सिंहस्थ 2028 में स्नान कराया जाएगा। जिसके लिए तैयारियां युद्ध स्तर पर की जा रही है। वहीं बैठकों के साथ ही निरीक्षण भी किया जा रहा है। इसके लिए सिलरखेड़ी, सेवरखेड़ी एक महत्वपूर्ण योजना बनाया जा रही है। कलेक्टर नीरज कुमार सिंह ने सेवरखेड़ी-सिलारखेड़ी परियोजना अंतर्गत प्रगतिरत सिलारखेड़ी बांध के उन्नयन के कार्य का निरीक्षण किया गया। सिलारखेड़ी बांध में अभी कटऑफ ट्रेंच के खुदाई का कार्य प्रगतिरत है। कलेक्टर सिंह ने निरीक्षण के दौरान कार्य की गति बढ़ाने व गुणवत्ता पर विशेष ध्यान रखने के निर्देश संबंधित अधिकारियों को दिए।