लोकायुक्त ने जिला पंजीयकों को लिखा पत्र
भोपाल, 1 फरवरी. लोकायुक्त पुलिस की गिरफ्त में आए सौरभ शर्मा की बेनामी प्रापर्टी की रजिस्ट्री पर रोक लगा दी गई है. इसके लिए लोकायुक्त ने जिला पंजीयकों को पत्र लिखा है. छापे के दौरान लोकायुक्त टीम को करीब 32 बेनामी प्रापर्टी के दस्तावेज मिले थे. इन सभी प्रापर्टियों को खुर्द-बुर्द होने से बचाने के लिए रजिस्ट्री पर रोक लगाई गई है. इधर शनिवार को तीनों आरोपियों के आमना-सामना कराया गया, जिसके बाद सौरभ ने खुद को बेकसूर बताया. जानकारी के अनुसार परिवहन विभाग के पूर्व आरक्षक सौरभ शर्मा के ठिकानों पर लोकायुक्त पुलिस ने डेढ़ महीने पहले छापामार कार्रवाई की थी. इस दौरान बड़ी मात्रा में नकदी, आभूषण और प्रापर्टी संबंधी दस्तावेज जब्त हुए थे. उसके बाद ईडी ने भी उसके भोपाल, जबलपुर और ग्वालियर स्थित ठिकानों पर छापामारी की थी, जबकि आयकर विभाग ने सौरभ के सहयोगी के नाम पर रजिस्टर्ड कार से 52 किलोग्राम सोना और 10 करोड़ कैश जब्त किया था. कार्रवाई वाले दिन से ही फरार चल रहे सौरभ शर्मा को बीती 28 जनवरी को गिरफ्तार किया गया था. उसे 4 फरवरी तक पूछताछ के लिए रिमांड पर लिया गया है. शनिवार को लोकायुक्त पुलिस ने सौरभ शर्मा, उसके सहयोगी शरद जायसवाल और चेतन सिंह गौर का आमना-सामना कराया. इस दौरान सौरभ ने कहा कि उसे मास्टर माइंड बताया जा रहा है, जबकि वह सबके साथ मिलकर काम कर रहा था. इधर सौरभ के ठिकानों से जब्त हुई करीब 32 बेनामी प्रापर्टियों को बचाने के लिए जिला पंजीयकों को पत्र लिखा गया है. सभी संपत्तियों और जमीनों की जानकारी जिला पंजीयकों को उपलब्ध करा दी गई है. अब इन प्रापर्टियों की नई रजिस्ट्री नहीं कराई जा सकेगी.