पीएस वित्त विभाग को नव्बे दिनों की मोहलत
जबलपुर। मप्र हाईकोर्ट के जस्टिस डीडी बसंल की एकलपीठ ने सेवानिवृत्त प्रशिक्षण अधिकारियों द्वारा पेंशन और ग्रेच्युटी लाभों हेतु दायर मामले में आवेदकों के अभ्यावेदन का सहानुभूति पूर्वक निराकरण करने के निर्देश दिये है। एकलपीठ ने वित्त विभाग के प्रमुख सचिव को नब्बे दिनों की मोहलत देते हुए कहा है कि यदि आवेदक हकदार है तो उन्हें लाभ दिया जाये।
यह मामला निवासी याचिकाकर्ता महेश कुमार सोलंकी और नियामत उल्ला कुरैशी की ओर से दायर किया गया है। जिनकी ओर से अधिवक्ता प्रशांत अवस्थी, आशीष त्रिवेदी, असीम त्रिवेदी, आनंद शुक्ला और अपूर्व त्रिवेदी व विनीत टेहेंगुरिया ने पक्ष रखा। जिन्होंने बताया कि याचिकाकर्ता 1986 में औद्योगिक प्रशिक्षण कॉलेज में प्रारंभिक तदर्थ नियुक्ति के बाद विभिन्न क्षमताओं में कार्यरत रहे और 1998 में नियमित किए गए। हालांकि, उन्हें 1990 में नियमितीकरण के लिए पात्र होने के बावजूद अनुचित विलम्ब का सामना करना पड़ा। आरोप है कि उन पर पेंशन और ग्रेच्युटी के उद्देश्यों के लिए सेवा की गणना में भेदभाव किया गया है। याचिकाकर्ताओं ने कहा कि उनके कनिष्ठों की योग्यता सेवाओं की गणना नियमतिकरण के पूर्व उनकी प्रारंभिक नियुक्ति तिथियों से की गई थी, जिसका लाभ उन्हें नहीं मिला। नतीजतन, उनकी पेंशन और ग्रेच्युटी लाभ सीमित हो गए हैं। जिस पर न्यायालय ने उक्त निर्देश दिये।