40 दिन से फरार धनकुबेर सौरभ शर्मा गिरफ्तार 

कोर्ट में पेश कर लिया 7 दिन का पुलिस रिमांड

सरेंडर से पहले लोकायुक्त पुलिस ने दबोचा

साथी चेतन गौर दस नंबर स्टाप से पकड़ाया

भोपाल, 28 जनवरी. लोकायुक्त पुलिस की कार्रवाई के चलते पिछले 40 दिनों से फरार चल रहे परिवहन विभाग के पूर्व आरक्षक और धनकुबेर सौरभ शर्मा को मंगलवार सुबह गिरफ्तार कर लिया गया. लोकायुक्त पुलिस ने उसे जिला न्यायालय के पास उस वक्त दबोचा, जब वह कोर्ट में सरेंडर करने जा रहा था. सौरभ की गिरफ्तारी के बाद लोकायुक्त टीम ने उसके साथी चेतन गौर को अरेरा कालोनी स्थित दस नंबर स्टाप से गिरफ्तार किया, जबकि तीसरे साथी शरद जायसवाल खुद लोकायुक्त कार्यालय पहुंच गया. शाम 5 बजे के बाद पुलिस ने सौरभ और चेतन गौर को विशेष न्यायाधीश राम प्रताप मिश्र की अदालत में पेश कर पूछताछ के लिए 7 दिन के पुलिस रिमांड पर लिया है. दोनों को आगामी 4 फरवरी को शाम 4 बजे दोबारा कोर्ट में पेश किया जाएगा. यह था मामला पिछले महीने 19 दिसंबर को आय से अधिक संपत्ति की शिकायत के मामले में लोकायुक्त पुलिस ने सौरभ शर्मा के ठिकानों पर छापामार कार्रवाई कई थी. उस वक्त करीब आठ करोड़ की संपत्ति का खुलासा हुआ था. बाद में आयकर विभाग ने सौरभ के साथी चेतन गौर की इनोवा कार से 52 किलोग्राम सोना और 10 करोड़ रुपए नकद जब्त किए थे. उसके बाद प्रवर्तन निदेशालय ने मनी लॉडरिंग का केस दर्ज कर सौरभ के भोपाल, जबलपुर और ग्वालियर स्थित ठिकानों के साथ उससे संपर्क रखने वालों पर छापे की कार्रवाई की. इस दौरान करीब 93 करोड़ रुपये की कुल संपत्ति का खुलासा हुआ था. उसके बाद से सौरभ शर्मा फरार चल रहा था. जांच एजेंसियों ने जारी किया था लुकआउट सौरभ के बारे में कहा जा रहा था कि लोकायुक्त कार्रवाई से चार दिन पहले वह पत्नी के साथ दुबई चला गया था. इसके चलते जांच एजेंसियों ने उसके खिलाफ लुकआउट सर्कुलर जारी किया था, ताकि वह देश के किसी भी एयरपोर्ट पर उतरे तो हिरासत में लिया जा सके. हालांकि किसी एयरपोर्ट पर उसकी मौजदूगी नहीं मिली, जिससे अनुमान है कि वह देश से बाहर गया ही नहीं था. कोर्ट में करना चाहता था सरेंडर सोमवार 27 जनवरी को सौरभ के वकील राकेश पाराशर ने विशेष न्यायाधीश रामप्रताप मिश्रा की अदालत में एक आवेनद प्रस्तुत किया था. अधिवक्ता ने कोर्ट को बताया कि लोकायुक्त पुलिस ने सौरभ के खिलाफ असत्य और झूठा केस दर्ज किया है तथा पुलिस उसकी गिरफ्तारी के प्रयास भी कर रही है. सौरभ खुद कोर्ट में सरेंडर होना चाहता है, जिसकी अनुमति दी जाए. इस पर कोर्ट ने उसे मंगलवार सुबह कोर्ट में जाहिर होने के लिए कहा था. सरेंडर से पहले पुलिस ने दबोचा लोकायुक्त पुलिस को जब सौरभ के कोर्ट में सरेंडर होने का पता चला तो अलग-अलग टीमें उसकी तलाश में जुटी गई. मंगलवार सुबह करीब ग्यारह बजे अधिवक्ता राकेश पाराशर कोर्ट पहुंचे और सौरभ के आने का इंतजार करने लगे. कुछ देर बाद सौरभ अपने एक रिश्तेदार की कार से कोर्ट में सरेंडर करने पहुंचा, लेकिन उसके पहले ही घात लगाकर बैठी लोकायुक्त पुलिस ने उसे दबोच लिया. सौरभ को सीधे लोकायुक्त थाने ले जाया गया, जहां उससे 100 से ज्यादा सवाल पूछे गए. सौरभ से मिली लीड के बाद पुलिस की दूसरी टीम ने दोपहर करीब तीन बजे उसके साथी चेतन गौर को भी दस नंबर स्टाप के पास से गिरफ्तार कर लिया, जबकि तीसरा साथी शरद जायसवाल खुद लोकायुक्त पुलिस के सामने हाजिर हो गया. शाम को सौरभ और चेतन को कोर्ट में पेश करने के बाद पूछताछ के लिए 4 फरवरी तक पुलिस रिमांड पर लिया गया है.

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