ग्वालियर: “भारत पर्व” कार्यक्रम ने लोकतंत्र के उत्सव को और भी भव्य बना दिया। मेला प्रांगण लोकधारा और देशभक्ति के रंगों से सराबोर हो गया। इस अद्भुत अवसर पर देश की सांस्कृतिक धरोहर को जीवंत रूप में प्रस्तुत किया गया।कार्यक्रम की शुरुआत में करेली नरसिंहपुर से आए लोक कलाकारों ने बघेली लोकनृत्य की प्रस्तुतियां दी, जो तेज रिदम और परंपरागत भावनाओं से ओतप्रोत थीं।
उनकी नृत्य शैली ने दर्शकों को अपनी जड़ों से जुड़ने का एक बेहतरीन अवसर प्रदान किया। वहीं, ग्वालियर की अंतरराष्ट्रीय स्तर की कलाकार सुश्री वाणी पाठक और उनके साथियों ने कथक नृत्य का अद्भुत प्रदर्शन किया, जिसने समां बांध दिया। कथक के शानदार अंगों और गति ने सांस्कृतिक विविधता की छटा बिखेरी।एमिटी स्कूल के बच्चों ने बैंड प्रस्तुति में फ्यूजन शैली को अपनाया, जिससे संगीत प्रेमियों को एक नया अनुभव प्राप्त हुआ। उनके संगीत में आधुनिकता और पारंपरिकता का अद्भुत संगम था। स्थानीय गजराजा कन्या विद्यालय की बालिकाओं द्वारा प्रस्तुत “देश मेरा रंगीला” गीत पर संगीतमय नृत्य ने दर्शकों को झूमने और थिरकने पर मजबूर कर दिया।
भोपाल से आए कलाकारों के दल ने “आज़ादी के तराने” प्रस्तुत किए, जिनमें देशभक्ति की भावना और आंतरराष्ट्रीय एकता का संदेश था। संदीप शर्मा के निर्देशन में इन गीतों ने पूरी सभा को उत्साह से भर दिया। अंत में, रमन शिक्षा समिति के बाल कलाकारों ने भी ” सर पे हिमालयबक छत्र” प्रस्तुति से सभी का दिल जीता। कु मन्दिता शर्मा ने ओजपूर्ण कविता सुनाई।
इस रंगारंग आयोजन की शुरुआत संभाग आयुक्त श्री मनोज खत्री और कलेक्टर श्रीमती रुचिका चौहान ने दीप प्रज्ज्वलन कर की। साथ ही कलाकारों को समानित कर उनका उत्साहवर्द्धन किया।