नयी दिल्ली, (वार्ता) नट्स एण्ड ड्राय फ्रूट्स काउन्सिल (इंडिया) ने मेवा 2025 के दूसरे संस्करण की आज यहां घोषणा की। तीन दिवसीय यह ट्रेड शो उद्योग जगत , खरीददारों, विक्रेताओं और अन्तर्राष्ट्रीय प्रतिभागियों को एक मंच पर लायेगा।
मेवा 2025 का आयोजन 12 फरवरी से 14 फरवरी के बीच मुंबई के जियो कन्वेंशन सेंटर में किया जाएगा, यह शो उद्योग जगत से जुड़े प्रतिनिधियों को नेटवर्किंग के अवसर प्रदान करेगा और भारतीय नट्स उद्योग से जुड़े मुख्य पहलुओं पर रोशनी डालेगा। भारत में नट्स एवं ड्राय फ्रूट्स के संगठित कारोबार की सीमाओं के मद्देनज़र रखते हुए मेवा 2025 की घोषणा के लिए एक प्रेस सम्मेलन का आयोजन किया, जिसमें इस शो के महत्व परचर्चा की गयी।
मेवा 2025 में 50 से अधिक देशों के 300 से अधिक प्रदर्शकों की मेज़बानी की उम्मीद है, जिसमें अमेरिका, चिली, ईरान, तुर्की, ओमान, सऊदी अरब और ऑस्ट्रेलिया जैसे प्रमुख प्रतिभागी शामिल हैं। 10,000 वर्ग मीटर से अधिक के विशाल प्रदर्शनी क्षेत्र के साथ, उपस्थित लोगों को भारतीय और अंतरराष्ट्रीय सप्लायर्स से उत्पादों की विविध रेंज का अन्वेषण करने का अवसर मिलेगा।
मेवा 2025 के सह अध्यक्ष यश गावड़ी ने कहा, ‘‘एक अनुमान के अनुसार ड्राय फ्रूट्स का मार्केट 18 फीसदी वार्षिक की दर से बढ़कर 2029 तक 12 अरब डॉलर के आंकड़े तक पहुंच जाएगा। मेवा 2025 का उद्देश्य उद्योग जगत की चुनौतियों को हल करना, पारदर्शिता को बढ़ावा देना तथा 300 से अधिक प्रदर्शकों के साथ इंटरनेशनल साझेदारियों को प्रोत्साहित करना है।”
एनडीएफसी के अध्यक्ष गुंजन जैन ने उद्योग जगत के विकास तथा उपभोक्ताओं की बदलती पसंद पर कहा, “अखरोट के उत्पादन की बात करें तो वर्तमान में भारत टॉप 10 देशों में से एक है। केरल और कर्नाटक जैसे राज्य काजू एवं अन्य सूखे मेवों के सबसे बड़े उत्पादक हैं। हालांकि भूमि विखंडन और ऊंची ब्याज़ दरों जैसे मुश्किलों को हल करना ज़रूरी है जो नट्स एवं ड्राय-फ्रूट उद्योग के लिए बड़े पैमाने की खेती में रूकावट पैदा करते हैं। एनडीएफसी इस सेक्टर की खामियों को दूर करने के लिए विशेष कार्यक्रमों और प्रदर्शनियों का आयोजन करती है। मेवा 2025 इसी तरह की एक पहल है जो उच्च-उत्पादकता की फसलों को बढ़ावा देती है विशेष रूप से जब केरल की कृषि उत्पादन स्थिर हो गई है और इसे आर्थिक और तकनीकी समर्थन की आवश्यकता है।”