ग्वालियर: सफलताएं और असफलताएं हमेशा आगे-पीछे चलती रहती हैं। इसलिए हमें कभी निराश नहीं होना चाहिए, क्योंकि सफलता की सीढ़ी बनाने का काम असफलताएं ही करती हैं। आप लोग मानव सेवा का ध्येय रखकर ही कर्म करें, क्योंकि वह वाई प्रोडेक्ट आपके पास वापस आएगा। चाहे वह पुरस्कर हो या कोई उपलब्धि। यह बात गजराराजा चिकित्सा महाविद्यालय के वार्षिकोत्सव के समापन सत्र को सम्बोधित करते हुए लोक स्वास्थ्य एवं चिकित्सा शिक्षा राज्य मंत्री नरेंद्र शिवाजी पटेल ने कही।
गजराराजा चिकित्सा महाविद्यालय में पांच वर्षों के अंतराल के बाद हुए वार्षिकोत्सव के समापन सत्र में मुख्य अतिथि के रुप में लोक स्वास्थ्य एवं चिकित्सा शिक्षा राज्य मंत्री श्री नरेंद्र शिवाजी पटेल मौजूद रहें। उन्होंने मां सस्वती पूजन के साथ कार्यक्रम का शुभारंभ किया। मंच पर राज्यमंत्री पटेल के साथ गजराराजा चिकित्सा महाविद्यालय अधिष्ठाता डॉ.आरकेएस धाकड़, संयुक्त संचालक एवं अधीक्षक डॉ.सुधीर सक्सेना, सेलीब्रेशन चेयरपर्सन डॉ.वृंदा जोशी, प्रेसिडेंट अकादमिक डॉ.पुनीत रस्तोगी, प्राइज डिस्ट्रीब्यूशन कमेटी डॉ.रंजना तिवारी, स्टूडेंट यूनियन अध्यक्ष आशुतोष शर्मा, सचिव हर्ष जैन और सेलीब्रेशन सचिव मनीषा मंचासीन थे।
राज्यमंत्री पटेल ने कहा कि मुख्यमंत्री डॉ.मोहन यादव के नेतृत्व में 3 नए मेडिकल कॉलेज खुल चुके हैं और 3 पीपीपी मॉडल पर खुलने जा रहे हैं। हम स्वास्थ्य सेवाओं में लगातार विस्तार कर रहे हैं। ताकि शहर से लेकर गा्रमीण तक स्वास्थ सेवाओं का लाभ मिल सके।इसके बाद मुख्य अतिथि ने अकादमिक रुप से सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करने वाले छात्र-छात्राओं को पुरस्कार वितरण कर उन्हें सम्मानित किया।
वीडियो के माध्यम से दिया संदेश
कार्यक्रम में लोक स्वास्थ्य एवं चिकित्सा शिक्षा मंत्री राजेन्द्र शुक्ल को उपस्थित होना था। लेकिन, वह किसी कारणवश नहीं आ सके। उन्होंने वीडियो के माध्यम से संदेश दिया कि मध्यप्रदेश को हैल्थ के मामले में देश में नंबर 1 पर लाना है। इसलिए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में चिकित्सा सीटों का विस्तार करते हुए 75 हजार सीटें बढ़ाने का संकल्प लिया है। वहीं मुख्यमंत्री डॉ.मोहन यादव की नए-नए मेडिकल कॉलेज खोलने की योजना है।
1 हजार की क्षमता वाला बने नया सभागार
समापन सत्र में गजराराजा चिकित्सा महाविद्यालय अधिष्ठाता डॉ.आरकेएस धाकड़ ने वार्षिक रिपोर्ट प्रस्तुत की। साथ ही कहा कि मेरी प्राथमिकता है कि यहां अंग प्रत्यारोपण का कार्य शुरू हो जाए। जेएएच का पत्थर वाला भवन काफी पुराना है, इससे हमारी यादें जुड़ी हुई हैं। इसलिए इस भवन का जीर्णोद्धार कराया जाए। इसलिए 1000 की क्षमता वाले सभागार का निर्माण कराया जाए। वहीं डॉ.पुनीत रस्तोगी और डॉ.रंजना तिवारी ने भी अपने विचार रखें।
इन्हें मिले प्रतिष्ठित स्वर्ण पदक
– अक्षत शाह
– गौरी कौशिक
– उदित जैन