बच्चों की विभिन्न समस्याओं को लेकर आदिवासी छात्र संगठन ने सौपा ज्ञापन
नवभारत न्यूज
झाबुआ। आदिवासी छात्र संगठन ने सहायक आयुक्त आदिवासी विकास विभाग के नाम अघ्ययनरत छात्र-छात्राओं की विभिन्न समस्याओं को लेकर एक ज्ञापन सौपा। जिसमें उन्होने बताया कि झाबुआ जिला एक आदिवासी बाहुल्य जिला है और झाबुआ जिले के कुंदनपुर क्षेत्र के नाहरपुरा गांव में प्राथमिक एवं माध्यमिक विद्यालय है जिसकी स्थिति काफी खराब है, भवन पूरा जर्जर हो चुका है, भवन गिरने की कगार पर है, बच्चों की जान पर खतरा मंडरा रहा है। ऐसे में अगर कोई जन हानि होती है तो उसकी जिम्मेदारी कौन लेगा ? यहां बारिश के दिनों में कमरों में पानी गिरता है, ऐसे में गरीब आदिवासी बच्चों की पढ़ाई प्रभावित होती है। कक्षा 6, 7, 8वी के छात्र-छात्राएं एक कमरे में बैठकर अध्ययन करते है। संगठन ने सवाल खडे किये कि ऐसे में बच्चों का भविष्य क्या होगा, ऐसी स्थिति में गरीब आदिवासी बच्चे कैसे पढ़ाई कर पाएंगे ? संगठन ने यह भी बताया कि बच्चों को अभी तक पुस्तक भी नहीं मिली और छात्रवृति एवं स्कूल ड्रेस भी नसीब नहीं हुई है।
संगठन ने खडे किये सवाल
संगठन के छात्र नेताओं ने सवाल खडे किये कि प्रशाशन क्या देख रहा है ? ब्लाक अधिकारी अपने कार्यालय में बैठकर गप्पे शप्पे लगाते है, फिल्ड में नही जाते है, कागजों और कम्प्युटर स्क्रीन पर वाह वाही लुटने के लिए गलत आंकडे पेश किये जा रहे है। ऐसे में गावो की स्कूलों को कोई देखने वाला कोई नहीं है। नाहरपुरा शाला के भवन पूरे जर्जर स्थिति में पहुंच चुके है, यदी शाला में कोई घटना घटित होती है तो उसकी संपूर्ण जिम्मेदारी शासन-प्रशासन की रहेगी। संगठन ने उक्त समस्या का जल्द से जल्द निराकरण किये जाने की मांग करते हुए अन्य भवन में सिप्ट करने की बात कही है, ताकि कोई अप्रिय घटना घटित ना हो। साथ ही उन्होने चेतावनी भी दी है कि यदी उक्त समस्या को गंभीरता से लेते हुए उसका हल नही निकाला गया तो आदिवासी छात्र संगठन उग्र आंदोलन करने को बाध्य होगा, जिसकी संपूर्ण जिम्मेदारी शासन-प्रशासन की रहेगी। ज्ञापन सौपने के अवसर पर आदिवासी छात्र संगठन के अध्यक्ष कमलेश परमार, नपा पार्षद विनय भाबोर, पंकज पलिया, अजीत, सुरेश, रविन, जितेन, हरीश, अतुल, जेराम, रमेश, सुनील, अर्जुन, अश्विन कटारा, हरीश भाबर, महेश बामनिया, मनीष, कलेश आदि उपस्थित थे।
10 झाबुआ-2- संगठन के पदाधिकारी सहायक आयुक्त को ज्ञापन सौपते हुए