० बहरी क्षेत्र में झोलाछाप डॉक्टर बेखौफ होकर कर रहे इलाज, नहीं हो रही प्रशासनिक कार्रवाई
नवभारत न्यूज
सीधी/बहरी 8 जनवरी। जिले के तहसील बहरी क्षेत्र में झोलाछाप डॉक्टरों के हौंसले इतने बुलंद हैं कि वह सालों से बहरी एवं मयापुर बाजार क्षेत्र में अपनी अवैध क्लीनिक सजाकर मरीजों की जान के साथ खिलवाड़ कर रहे हैं।
बहरी बाजार क्षेत्र में 7 झोलाछाप डॉक्टरों की अवैध क्लीनिक संचालित हो रही है। इसमें कुछ अवैध क्लीनिक बंगाली डॉक्टरों की भी है। वहीं बहरी बाजार से करीब 4 किमी. दूर हनुमना मार्ग में स्थित मयापुर बाजार में आधा दर्जन झोलाछाप डॉक्टरों की क्लीनिक संचालित हो रही है। झोलाछाप डॉक्टरों द्वारा अपनी अवैध क्लीनिक के बाहर बोर्ड अवश्य नहीं लगाया गया है लेकिन क्लीनिक के अंदर कुछ घंटे के लिये मरीजों को भर्ती करने की व्यवस्था भी बनाई गई है। जिससे बाटल चढ़ाकर एवं अवैध पैथालॉजी जांच के नाम पर मरीजों एवं उनके परिजनों से ज्यादा से ज्यादा रकम ऐंठी जा सके। बहरी बाजार में कुछ लोगों ने आक्रोश व्यक्त करते हुये कहा कि आरंभ में एक झोलाछाप डॉक्टर के क्लीनिक की शुरूआत हुई बाद में उसके ऊपर कोई कार्रवाई न होने पर अन्य झोलाछाप डॉक्टरों ने भी अपनी अवैध क्लीनिक संचालित करना शुरू कर दिया। दरअसल यह सब कुछ सामु. स्वा.केन्द्र सिहावल के बीएमओ के संरक्षण में हो रहा है। बीएमओ का संरक्षण मिलने के चलते ही सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र सिहावल अंतर्गत एक सैकड़ा से ऊपर झोलाछाप डॉक्टर सक्रिय हैं। अवैध क्लीनिकों की संख्या ही बहरी, अमिलिया, हिनौती, सिहावल क्षेत्र में आधा सैकड़ा के करीब है। लोगों का कहना था कि ऐसा आभास होता है कि प्रशासन द्वारा झोलाछाप डॉक्टरों को अवैध क्लीनिक संचालित करने के लिये पूरी छूट प्रदान कर दी गई है। इसी वजह से झोलाछाप डॉक्टरों के विरूद्ध कोई भी प्रशासनिक कार्रवाई नहीं होती है। यहां तक कि जिनके ऊपर कार्रवाई करने की जिम्मेदारी है उनकी पूरी सहानुभूति भी झोलाछाप डॉक्टरों की क्लीनिक को लेकर है।
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बिना लाइसेंस के दवाओं का भंडारण भी करते हैं डॉक्टर
झोलाछाप डॉक्टरों की अवैध क्लीनिकों में बिना लाइसेंस के दवाओं का भण्डारण भी किया जा रहा है। अधिकांश झोलाछाप डॉक्टर अपने यहां से दवाइयों की बिक्री भी मनमानी दामों पर कर रहे हैं। कुछ झोलाछाप डॉक्टर तो ऐसे हैं कि इनके यहां दवाओं का भारी भण्डारण मौजूद है। जरूरत के समय मरीज झोलाछाप डॉक्टरों की अवैध क्लीनिक से दवाओं की खरीदी भी करते हैं। दवाओं का अवैध कारोबार काफी चर्चा का विषय बना हुआ है।
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केस बिगडऩे पर अस्पताल रेफर कर देते हैं मरीज
झोलाछाप डॉक्टरों के इलाज का तरीका यह है कि वह मरीज की हालत में सुधार के बजाय स्थिति गंभीर समझ में आते ही उन्हें अस्पताल के लिये रेफर कर देते हैं। केस बिगडऩे पर ग्रामीण अंचल के मरीज सरकारी अस्पताल की शरण में या फिर जिला मुख्यालय में संचालित नर्सिंग होम की शरण में पहुंचते हैं। मरीजों की हालत अस्पताल आने पर कई बार सुधरने में काफी समय लगता है। कुछ मरीजों की तो केस बिगडऩे के चलते मौत भी हो जाती है।
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इनका कहना है
जिले में झोलाछाप डॉक्टरों का कार्रवाई के लिये उनके द्वारा नोटशीट कलेक्टर को बढ़ाई गई थी। जिस पर कार्रवाई के लिये बीएमओ, एसडीएम एवं एसडीओपी को टीम में शामिल कर कार्रवाई करने के निर्देश दिये गये हैं।
डॉ.सुनीता तिवारी, सीएमएचओ सीधी
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