कुटुंब प्रबोधन गतिविधि की अखिल भारतीय बैठक
ओंकारेश्वर: यह पूरा विश्व एक देह है और उसकी आत्मा हमारा भारत देश है. यह बात मार्कण्डेय आश्रम में भारत माता पूजन के पश्चात सरसंघचालक मोहनराव भागवत ने कही.
कुटुंब प्रबोधन गतिविधि की अखिल भारतीय बैठक के अंतिम दिन का प्रारंभ ओंकारेश्वर स्थित नर्मदा किनारे मार्कण्डेय आश्रम पर भारत माता पूजन से हुआ. राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सरसंघचालक मोहनराव भागवत ने विधिवत भारत माता एवं आदिशंकाराचार्यजी का पूजन किया.
भारतमाता पूजन के महत्व और उद्देश्य को प्रतिपादित करते हुए सरसंघचालक ने कहा कि भारत भूमि हमारा पालन-पोषण, संरक्षण और संवर्धन करती है. भारत भूमि में जन्म लेने वाले प्रत्येक जन में सेवा का स्वाभाविक संस्कार है. भारत माता का पूजन मतलब भारत में रहने वाले जन, जमीन, जंगल, जल और जानवरों की सेवा और सुरक्षा करना है. पर्यावरण और जैवविविधता का संरक्षण और संवर्धन भारतमाता पूजन से मिलने वाली प्रेरणा है.
समाजसेवा के लिए तत्पर रहें
मार्कण्डेय आश्रम में नर्मदा आरती के पश्चात् भारत माता पूजन में पूजन में सरसंघचालकजी ने एकांत में अध्यात्म साधना और लोकान्त में समाज सेवा का आह्वान किया. गृहस्थ आश्रम को धर्म की धुरी बताते हुए कहा कि जो जिस भी स्थित में है उसे समाज की सेवा के लिये तत्पर रहना चाहिये. जिस प्रकार गरूड़ ने माता की सेवा से देवता का वाहन बनने का आशीर्वाद पाया, उसी प्रकार हम भी भारत माता की सेवा के आशीर्वाद से धर्म के वाहक बनने में समर्थ हो