भाजपा संगठन चुनाव: तय नामों पर मोहर लगनी बाकी

डॉ रवि तिवारी

दुनिया के सबसे बड़े राजनैतिक दल होने का दावा करने वाली भारतीय जनता पार्टी के संगठन चुनाव को लेकर विंध्य में खासी गहमागहमी है. प्राथमिक चरण में मंडल अध्यक्षो का चुनाव कर लिया गया है. हालांकि ज्यादातर जगहों में मंडल के चुनाव में कार्यकर्ताओं का असन्तोष खुलकर सामने आया है. पार्टी कार्यकर्ताओं में बढ़ती राजनैतिक महत्वाकांक्षा को इसका मुख्य कारण माना जा रहा है. लगातार सत्ता होने के कारण पार्टी का हर नेता जो थोड़ा भी असर रखता है वह उसकी कीमत वसूलना चाहता है.

जिलाध्यक्ष को लेकर जिस प्रकार की चर्चाएं राजधानी स्तर पर सामने आ रही है उसमें 60, 40 का प्रतिशत रहने की उम्मीद है. यानी सिर्फ 40 प्रतिशत उन स्थानों पर जिलाध्यक्ष बदले जा सकते हैं जहाँ शिकवा-शिकायत ज्यादा है. बाकी 60 प्रतिशत में ज्यादातर लोग या तो पुन: अध्यक्ष बन जाएंगे या उस स्थान पर किसी पूर्व जिलाध्यक्ष को दायित्व सौप दिया जाएगा. कौन सा जिला किस श्रेणी में है यह मामला उच्च स्तर पर तय होगा या हो गया होगा. सिर्फ निचले स्तर पर खानापूर्ति होनी शेष है. रायशुमारी मंथन के साथ लिफाफा मुख्यालय पहुंच चुका है.

विधायक को खरी-खोटी

रीवा जिले के एक विधायक को जनता-जनार्दन ने जमकर खरी-खोटी सुनाई. दरअसल सर्वाधिक मतो से चुनाव जीतने वाले मनगवां विधायक इंजी. नरेन्द्र प्रजापति मुख्यमंत्री जन कल्याण शिविर में पहुंचे थे. जहा गांव मे ट्रासफार्मर न लगने से परेशान एक व्यक्ति ने सवाल क्या कर दिया विधायक जी भडक़ गए. फिर क्या था शिकायतकर्ता भी नही रूका और अपनी नाराजगी जताते हुए सबके सामने समस्या रखी और जमकर खरी-खोटी सुनाई. जिस पर विधायक इधर-उधर देखने लगे. विधायक जी को लगा कि शायद उनकी फटकार से सामने वाला शांत हो जायेगा पर वह तो अपने निर्वाचित विधायक से बात कर रहा था फिर डऱ काहे का. बिगड़ती स्थिति देख लोगो ने किसी तरह मामले को शांत कराया. पूरे मामले का वीडियो सोशल मीडिया में वायरल हो गया.

शहर अध्यक्ष बदलने की सुगबुगाहट

कांग्रेस संगठनात्मक फेर बदल जिला स्तर पर अभी नही हो रहे है पर जल्द ही हो सकते है, ऐसी संभावना है. ऊर्जाधानी के कांग्रेस शहर अध्यक्ष को लेकर विरोध खुलकर सामने आ चुका है. ऐसी सुगबुगाहट है कि जल्द ही शहर अध्यक्ष को बदल कर किसी दूसरे के हाथ कमान सौपी जायेगी. दरअसल 6 पार्षदो ने मौजूदा अध्यक्ष अरविंद सिंह चंदेल के खिलाफ मोर्चा खोल रखा है और एक पार्षद नाराज होकर कांग्रेस को बाय-बाय कह कर भगवा दुपट्टा पहन चुके है. मतलब साफ है कि सब कुछ ठीक-ठाक नही चल रहा है. यही वजह है कि प्रदेश का संगठन शहर अध्यक्ष को बदलना चाहता है ताकि विरोध का स्वर कम हो सके और पार्टी फिर से शहर में मजबूती के साथ खड़ी हो.

आप में सब कुछ ठीक नही

विंध्य क्षेत्र में तीसरे मोर्च के रूप में उभर रही आप पार्टी अंतर्कलह से उभर नही पा रही है. नेताओ के बीच आपसी टकराव गुटबाजी को जन्म दे रहे है. सिंगरौली में जिलाध्यक्ष को निलंबित कर बाहर का रास्ता दिखाया गया. लेकिन दिल्ली दरबार के हस्तक्षेप के बाद चार माह बाद राजेश सोनी का वनवास समाप्त हुआ. वापस के बाद सब कुछ पार्टी के अंदर ठीक-ठाक नही चल रहा है. दरअसल प्रदेश अध्यक्ष ने हिटलरशाही का फरमान जारी करते हुए निलंबित किया था जो पार्टी गाइड लाइन के मुताबिक नही था. अब यहां पार्टी गुटबाजी के फेर में उलझती जा रही है, बजाय संगठन को मजबूत करने के

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