निकाय द्वारा शासकीय भूमि पर तो अतिक्रमण करा दिया है और विकास के चलते निजी भूमि को भेंट चढ़ा दिया। खाई और तालाबों का अस्तित्व बचाने के लिए जागरूक नागरिक देवेंद्र चौरसिया ने शिकायती आवेदन देकर कई विभागों के दरवाजे खटखटाए लेकिन कार्यवाही के नाम पर विभाग में बैठे जिम्मेदार नाकाम रहे तब शिकायतकर्ता देवेन्द्र ने अपने अधिवक्ता के साथ इस मामले को लेकर एन जी टी कोर्ट में शिकायत दर्ज कराई।
एन जी टी द्वारा नरवर नगरीय क्षेत्र में प्राचीन खाई, तालाबों की मौके की स्थिति जानने के लिए एक कमेटी गठित की जिसमे प्रदूषण बोर्ड, कलेक्टर आदि को पत्र जारी कर जॉच के आदेश दिए एन जी टी द्वारा टीम बनाई गई जिसमें बेट लेंड के अधिकारी, प्रदूषण बोर्ड के क्षेत्रीय अधिकारी, करैरा एसडीएम, नरवर सीएमओ और तहसीलदार, नायब तहसीलदार ने मौके पर जॉच की तो तालाब और खाई की भूमि के कई राज सामने आए कहीं तालाब , खाई पर अतिक्रमण दिखाई दिया तो कहीं दुकान और मकान इतना ही नहीं कई स्थानों से तालाब लुप्त हो चुके हैं और अब वहां फसल की जा रही है।जांच टीम के साथ आए गुना प्रदूषण बोर्ड के अधिकारी से मौके पर की गई जांच के संबंध में मीडिया के द्वारा सवाल किए गए तो अधिकारी कैमरे के सामने सवालों के जवाब देने से बचते नजर आए।