एक वर्ष में गैर पंजीक़त उद्यमों में मिले 12 करोड़ से अधिक को रोजगार

नयी दिल्ली 24 दिसंबर (वार्ता) देश में गैर पंजीकृत या असंगठित क्षेत्र उद्यमों में अक्टूबर 2023 से सितंबर 2़024 के दौरान 12.84 प्रतिशत की बढोतरी के साथ इनकी संख्या बढ़कर 7.34 करोड़ पर पहुंच गयी है और इन उद्यमों में 12 करोड़ से अधिक लोगों को रोजगार मिला है।

सांख्यिकी एवं कार्यक्रम कार्यान्वयन मंत्रालय के सचिव डॉ़ सौरभ गर्ग और देश के मुख्य आर्थिक सलाहकार डॉ़ अनंत नागेस्वरन ने आज यहां असंगठित क्षेत्र उद्यमों के वार्षिक सर्वेक्षण 2023-24 को जारी करते हुये यह जानकारी दी। डॉ़ गर्ग ने कहा कि इस सर्वेक्षण के परिणाम असंगठित गैर-कृषि क्षेत्र में प्रतिष्ठानों, रोजगार और उत्पादकता में महत्वपूर्ण वृद्धि को उजागर करते हैं, जो इस क्षेत्र की महामारी से संबंधित चुनौतियों से उबरने और नए सिरे से गति के साथ इसके पुनरुत्थान को प्रदर्शित करते हैं। उन्होंने कहा कि 2022-23में इन उद्यमों की संख्या 6.50 करोड़ थी जो 2023-24 में बढ़कर 7.34 करोड़ हो गई। इस तरह इसमें 12.84 प्रतिशत वृद्धि हुयी है। सर्वेक्षण में कवर किए गए व्यापक क्षेत्रों में, ‘अन्य सेवाओं’ क्षेत्र में प्रतिष्ठानों की संख्या में 23.55 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की गई, जिसके बाद विनिर्माण क्षेत्र में 13 प्रतिशत की वृद्धि देखी गई। यह महत्वपूर्ण वृद्धि लगातार क्षेत्रीय विस्तार को उजागर करती है और असंगठित क्षेत्र के समग्र विकास को आगे बढ़ाने में इस क्षेत्र की महत्वपूर्ण भूमिका को पुष्ट करती है।

सांख्यिकी एवं कार्यक्रम कार्यान्वयन मंत्रालय (MoSPI) ने असंगठित क्षेत्र उद्यमों के वार्षिक सर्वेक्षण (ASUSE) के परिणाम 2023-24 के लिए अक्टूबर, 2023 से सितंबर, 2024 की संदर्भ अवधि के लिए जारी किए हैं, जिन्हें इस प्रेस नोट में ASUSE 2023-24 के रूप में संदर्भित किया गया है। कवरेज, नमूनाकरण रणनीति, डेटा संग्रह तंत्र आदि के संदर्भ में सर्वेक्षण का संक्षिप्त अवलोकन एंडनोट में दिया गया है। गैर-निगमित गैर-कृषि क्षेत्र भारतीय अर्थव्यवस्था में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है, जो रोजगार, सकल घरेलू उत्पाद और समग्र सामाजिक-आर्थिक परिदृश्य में महत्वपूर्ण योगदान देता है। यह क्षेत्र न केवल लाखों लोगों की आजीविका को बनाए रखता है, बल्कि माल और सेवाओं की आपूर्ति करके निगमित क्षेत्र के लिए रीढ़ की हड्डी के रूप में भी कार्य करता है, जिससे घरेलू मूल्य श्रृंखला में इसकी भूमिका मजबूत होती है। ASUSE का प्राथमिक उद्देश्य विनिर्माण, व्यापार और अन्य सेवा क्षेत्रों (निर्माण को छोड़कर) में गैर-निगमित गैर-कृषि प्रतिष्ठानों की विभिन्न आर्थिक और परिचालन विशेषताओं को मापना है। सर्वेक्षण इस क्षेत्र की विभिन्न आर्थिक विशेषताओं पर डेटा एकत्र करता है जिसमें श्रमिकों की संख्या, जीवीए, भुगतान किए गए पारिश्रमिक, स्वामित्व वाली अचल संपत्ति, बकाया ऋण, इसके अलावा विभिन्न प्रकार की परिचालन विशेषताएं जैसे स्वामित्व का प्रकार, संचालन की प्रकृति, पंजीकरण की स्थिति, आईसीटी का उपयोग आदि शामिल हैं। डेटा नीति निर्माण के लिए एक महत्वपूर्ण इनपुट के रूप में कार्य करता है, राष्ट्रीय लेखा सांख्यिकी का समर्थन करता है, सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम (एमएसएमई), कपड़ा, श्रम और रोजगार जैसे मंत्रालयों की आवश्यकताओं को पूरा करता है और हितधारकों को सूचित, डेटा-संचालित निर्णय लेने के लिए सशक्त बनाता है।

उन्होंने कहा कि अक्टूबर 2023 से सितंबर 2024 के दौरान इस क्षेत्र में कुल अनुमानित रोजगार में पिछले वर्ष की तुलना में 10.01 प्रतिशत की वृद्धि देखी गई है। मज़बूत श्रम बाज़ार प्रदर्शन वाले इस क्षेत्र ने अक्टूबर 2023 और सितंबर 2024 के बीच 12 करोड़ से ज़्यादा कर्मचारियों को रोज़गार दिया, जो 2022-23 से एक करोड़ से ज़्यादा कर्मचारियों की वृद्धि है।

सचिव ने कहा कि इसी अवधि के दौरान सकल मूल्य वर्धित (जीवीए) जो आर्थिक प्रदर्शन का एक प्रमुख संकेतक है 16.52 प्रतिशत बढ़ा है जो अन्य सेवा क्षेत्र में 26.17 प्रतिशत की वृद्धि के बल पर बढ़ा है। प्रति कर्मचारी सकल मूल्य वर्धित (जीवीए) जो क्षेत्र की श्रम उत्पादकता का एक उपाय है, वर्तमान मूल्यों में 2022-23 में 1,41,769 रुपये से बढ़कर 2023-24 में 1,49,742 रुपये हो गया। इस तरह इसमें 5.62 प्रतिशत की वृद्धि हुयी है। इसी अवधि के दौरान, प्रति प्रतिष्ठान सकल उत्पादन मूल्य (जीवीओ) भी वर्तमान मूल्यों में 4,63,389 रुपये से बढ़कर 4,91,862 रुपये हो गया।

उन्होंने कहा कि व्यापक गतिविधियों में ‘अन्य सेवाएँ’ क्षेत्र ने 17.86 प्रतिशत की वार्षिक वृद्धि हुयी है जिसके बाद विनिर्माण क्षेत्र में 10.03 प्रतिशत की वृद्धि हुयी। महिला-स्वामित्व वाले प्रतिष्ठानों का प्रतिशत 2022-23 में 22.9 प्रतिशत से बढ़कर 2023-24 में 26.2 प्रतिशत हो गया है। यह व्यवसाय स्वामित्व में महिलाओं की भागीदारी में सकारात्मक बदलाव को दर्शाती है। प्रति कर्मचारी औसत पारिश्रमिक भी पिछले वर्ष, 2022-23 की तुलना में 2023-24 में 13 प्रतिशत बढ़ा है, जो वेतन स्तरों में सुधार का संकेत देता है। यह वेतन वृद्धि एक उत्प्रेरक के रूप में कार्य करती है, श्रम बाजार को मजबूत करती है, उत्पादकता बढ़ाती है और व्यापक आर्थिक मांग को बढ़ावा देती है। इस मीट्रिक में सबसे अधिक वृद्धि विनिर्माण क्षेत्र में 16 प्रतिशत से थोड़ी अधिक की वृद्धि के साथ देखी गई। बेहतर डिजिटल पहुंच के कारण इंटरनेट का उपयोग करने वाले प्रतिष्ठानों का प्रतिशत भी 2022-23 में 21.1 प्रतिशत से बढ़कर 2023-24 में 26.7 प्रतिशत हो गया है। यह वृद्धि प्रतिष्ठानों के बीच डिजिटल अपनाने की दिशा में एक मजबूत प्रवृत्ति को दर्शाती है, जो व्यावसायिक संचालन के लिए इंटरनेट पर बढ़ती निर्भरता को उजागर करती है।

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