चितरंगी (सिंगरौली) केसीसी लोन के आड़ में गरीब आदिवासी परिवारों को ठगने वाले गिरोह के एक सदस्य को चितरंगी पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है। जबकि यूबीआई देवसर का तत्कालीन मैनेजर एवं दलाल फरार है। जिसकी तलाश की जा रही है।चितरंगी थाना प्रभारी उपनिरीक्षक सुरेन्द्र यादव के अनुसार ग्राम रेही निवासी रामकुमार सिंह गोड़ ने आवेदन दिया था कि जमीन के कागज के लिए एवं लूज चेक पर हस्ताक्षर कराकर केसीसी प्रकरण तैयार कर उसके मध्यांचल बैंक के खाता में 4 लाख 90 हजार रूपये केसीसी लोन मंजूर कराकर लूज चेक से संपूर्ण राशि आहरित करा डॉ. प्रसाद शुक्ला ने अपने फर्म शुक्ला आर्यन के खाते में 1 लाख रूपये एवं रामकुमार के मध्याचंल ग्रामीण बैंक के खाता में 3 लाख 90 हजार रूपये ट्रंासफर कराकर अधिकांश हिस्सा स्वयं एवं शेष राशि त्रिवेणी सिंह बरगाही तथा यूबीआई बैंक मैनेजर के साथ राशि की बंदरबाट कर लिया गया था।
शिकायत के आधार पर उक्त मामले की जांच की गई। जहां सक्ष्य मिलने के उपरांत थाना चितरंगी में आरोपी त्रिवेणी सिंह बरगाही, तत्क ालीन यूबीआई मैनेजर के विरूद्ध धारा 420 एवं 120 बी के तहत अपराध पंजीबद्ध किया गया। उक्त प्रकरण में त्रिवेणी सिंह को हिरासत में लेकर पूछतांछ में बताया कि शुक्ला आर्यन में वर्ष 2022 में सेल्समेन का कार्य करता था और यूनियन बैंक शाखा देवसर में उसका खाता था। उसी के बयान एवं साक्ष्यों के आधार पर डॉ. प्रसाद शुक्ला को भी आरोपी बनाया गया है। आरोपी त्रिवेणी को गिरफ्तार किया गया है। साथ ही उक्त आरोपियों पर पुलिस अधीक्षक के द्वारा दो-दो हजार रूपये का इनाम घोषित किया गया था। यह कार्रवाई एसपी के निर्देश एवं एसडीओपी चितरंगी आशीष जैन के सतत निगरानी में किया गया।