मुंबई, 27 सितंबर (वार्ता) सोने के बाजार में जारी तेजी के बीच एक ताजा विश्लेषण में कहा गया है कि पिछले 15 वर्षों में पीली धातु में निवेश पर औसतन 11.7 प्रतिशत का प्रतिफल मिला है।
विश्लेषण में कहा गया है कि अमेरिका में ब्याज दरों में कटौती और वैश्विक भू-राजनीतिक परिस्थितियों में अनिश्चितता के चलते सोना विदेश और घरेलू बाजार में अभी और चढ़ सकता है। इस वर्ष सोने में निवेश पर लाभ रुपये और डालर दोनों के हिसाब से 14 वर्ष में इस समय सबसे ऊंचा है।
बाजार विश्लेषक एवं कामा ज्वेलरी के प्रबंध निदेश कोलिन शाह द्वारा शुक्रवार को जारी इस रिपोर्ट के अनुसार पिछले 15 वर्षों में से 12 वर्षों में सोने में निवेशकों को लाभ हुआ। इस दौरान तीन वर्ष 2013, 2015 और 2021 में सोने में निवेश पर प्रतिफल गिरा था।
रिपोर्ट में कहा गया है कि चालू वर्ष में रुपये के हिसाब से सोने पर प्रतिफल निफ्टी में दर्ज प्रतिफल से ऊपर है।
श्री शाह रत्न आभूषण निर्यात संवर्धन परिषद के पूर्व अध्यक्ष रहे हैं। उनका कहना है कि सोने के वर्तमान में शानदार प्रदर्शन के पीछे मुख्य कारण अमेरिका में ब्याज दरों में कटौती के चक्र का शुरू होना है। वहां संघीय बैंक-फेडरल रिजर्व की आगामी बैठकों में ब्याज दरों में और कटौती की प्रबल संभावना है।
इसके अलावा इज़रायल और लेबनान के बीच भू-राजनीतिक तनाव से भी सोने में तेजी आयी है।
अंतरराष्ट्रीय बाजारों में सोने के भाव 2700 डालर प्रति औंस के करीब पहुंच गए हैं, जबकि घरेलू बाजार में सोना 75,400 रुपये से अधिक है। इस साल अब तक सोने ने में रुपये के हिसाब से 29 प्रतिशत से अधिक और अमेरिकी डालर के हिसाब से 28 प्रतिशत से अधिक लाभ हुआ दिया है। यह इस साल अब तक की अवधि के लिए 14 साल का सबसे ऊंचा लाभ है।
श्री शाह के अनुसार त्योहारी सीजन की शुरुआत के साथ सोने की मांग में तेजी आने की उम्मीद है। अच्छा मानसून वर्ष ग्रामीण मांग को बढ़ाएगा। उन्होंने कहा, ‘वैश्विक बाजार में सोने की कीमतें इस समय 2700 डालर के स्तर को आजमा रही है, उम्मीद है कि यह 3000 डालर के स्तर को छू सकती है जबकि घरेलू बाजार की कीमतें मध्यम से लंबी अवधि में 78,000 रुपये को पार करने की संभावना है।