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रीवा, 16 अप्रैल, यूपीएससी का परीक्षा परिणाम मंगलवार को घोषित किया गया. रीवा की बेटी वेदिका बंसल ने आल इंडिया 96 वीं रैंक हासिल कर विंध्य का नाम रोशन किया है. रीवा शहर के हेडगेवार नगर में रहने वाली वेदिका ने 8 से 9 घंटे पढ़ाई कर तीसरे अटेम्प्ट में सफलता हासिल की. पिछले दो अटेम्प्ट में चयन नही हुआ था. इस सफलता के पीछे उन्होने कड़ी मेहनत और माता पिता का आर्शीवाद बताया.
वेदिका को यह सफलता कड़ी मेहनत के चलते मिली है, दो बार यूपीएससी की परीक्षा में बैठी, लेकिन चयन नही हुआ. 8 से 9 घंटे पढ़ाई करने के बाद तीसरे अटेम्प्ट में सफलता अर्जित की. हार नही मानी और लगातार आत्मविश्वास के साथ मेहनत करती रही. वेदिका को विश्वास था कि सफलता जरूर मिलेगी. प्रारंभिक शिक्षा रीवा के ज्योति स्कूल में हुई और उसके बाद मसूरी पढऩे चली गई. कालेज की पढ़ाई दिल्ली यूनिवर्सिटी से पूरी करने के बाद यूपीएससी के तैयारी में जुट गई. पढ़ाई का रूट चार्ट बनाया और उस पर अमल करते हुए 8 से 9 घंटे पढ़ाई की.
कड़ी मेहनत और लगन से मिलती है सफलता
यूपीएससी में 96 वीं रैंक हासिल करने वाली वेदिका ने चर्चा के दौरान बताया कि कड़ी मेहनत ईमानदारी से की जाय और लगन रहे तो सफलता मिलती है. मेहनत से पीछे नही हटना चाहिये और अगर एक-दो बार में सफलता नही मिलती तो उन कमियों को देखे कि कहा पर चूक हुई है. उसके बाद कमियों को दूर कर लगन के साथ पढ़ाई करे, सफलता मिलेगी. वेदिका बताती है कि दो बार जब मैं सफल नही हुई तो निराश नही हुई. परिवार ने सहयोग किया और सभी के आर्शीवाद से आज सफलता मिली है. 8 से 10 घंटे पूरी ईमानदारी से पढ़ाई करनी चाहिये.
पिता का सपना हुआ पूरा
वेदिका के पिता अरूण बंसल का कोरोना काल के दौरान निधन हो गया. जिसके चलते पढ़ाई कुछ प्रभावित रही और पिता के न रहने की कमी हमेशा महसूस होती रही. माता मीना बंसल ने बेटी का हौंसला बढ़ाया और पढऩे के लिये प्रेरित किया. वेदिका इकलौती बेटी है और एक भाई है. पूरे परिवार ने तैयारी के लिये सहयोग किया. पिता का सपना था कि बेटी सिविल सर्विस में जाय, आज पिता का सपना पूरा हुआ. यह बताते हुए वेदिका भावुक हो गई और उन्होने बताया कि पिता अरूण बंसल का सपना था कि मैं आईएएस बनू, परिवार का पुस्तैनी व्यापार है और परिवार व्यापार करता है. लेकिन मैने आईएएस की तैयारी शुरू की, आज पिता जी होते तो उनके खुशी का ठिकाना न होता.