आधा दर्जन गांवों में डायरिया का फैला प्रकोप 

– डेम्हा सहित आधा दर्जन गांव से डेढ़ दर्जन मरीज जिला अस्पताल में हुये भर्ती

-जिला पंचायत सीईओ ने अधिकारियों के साथ डेम्हा में जाकर ली जानकारी

 

सीधी। मौसम के बदले मिजाज और बारिश के बीच जिला मुख्यालय के समीपी आधा दर्जन गांवों में डायरिया का प्रकोप फैल गया है। आरंभ में डेम्हा से कोल परिवार के दर्जन भर लोग उल्टी -दस्त से पीड़ित हुए। इनमें 8 लोगों को जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया। आज दोपहर जिला पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी राहुल छोटे ने अधिकारियों के साथ डेम्हा जाकर जानकारी ली। वहीं यहां पानी की जांच के साथ आवश्यक दवाईयां डाली गई।शाम तक डायरिया का प्रकोप आधा दर्जन गांवों में फैल गया। जमुनिहा,कुकुड़ीझर क्षेत्र, डोल आदि से भी उल्टी -दस्त से पीड़ित मरीज जिला अस्पताल पहुंचे।आज शाम तक डायरिया के 14 मरीज भर्ती हो चुके थे। जिला मुख्यालय के समीपी ग्राम डेम्हा में कोल परिवार के एक दर्जन से अधिक लोग शुक्रवार को उल्टी -दस्त की

चपेट में आ गए। इनमें से आठ लोगों की हालत खराब होने पर जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया है। जहां उपचार के बाद स्वास्थ्य में सुधार बताया गया है। तीन लोगों को शाम तक छुट्टी भी दे दी गई । शेष को आज छुट्टी दी गई।डेम्हा गांव की आदिवासी बस्ती में हैजा फैलने की सूचना पर महामारी नियंत्रण दल शुक्रवार की दोपहर गांव में पहुंचा और पीडि़त परिवारों से उनके खान पान के संबंध में जानकारी ली। इसके साथ ही बस्ती के सभी लोगों का स्वास्थ परीक्षण किया गया। जो लोग सामान्य उल्टी दस्त से ग्रसित पाए गए उन्हें आवश्यक दवाएं उपलब्ध कराई गईं। प्रभावित डेम्हा गांव के जिन आठ लोगों को जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया उनमें संगीता पति राजबहोर रावत 25 वर्ष, मुन्नी पति दादू भाई रावत 50 वर्ष, सुमित्री पति ललऊ रावत 48 वर्ष, अर्जुन पिता अशोक रावत 15 वर्ष, सीमा पिता अशोक रावत 12 वर्ष, सानू पिता सूरज रावत 5 वर्ष, गोरे पिता राजेंद्र कोल 6 वर्ष तथा शशी पिता सूरज रावत 6 वर्ष शामिल थे।

 

पानी का लिया गया सेंपल-

 

महामारी नियंत्रक डॉ.माधव पांडेय ने बताया डेम्हा के आदिवासी बस्ती में हैजा फैलने की शिकायत पर हमारी टीम गांव में गई थी, वहां के प्रभावित आठ लोगों को पहले ही जिला अस्पताल में भर्ती करा दिया गया था। बस्ती में सभी का स्वास्थ परीक्षण किया गया है, कुछ लोग सामान्य उल्टी दस्त से ग्रसित मिले हैं, जिन्हें आवश्यक दवाएं व ओआरएस का घोल दिया गया है। जिस ट्यूबल के पानी का लोग पीने के रूप में इस्तेमाल कर रहे थे, उसका सेंपल लेकर परीक्षण के लिए भेज दिया गया है। रिपोर्ट आने पर स्पष्ट हो पाएगा की पानी की खराबी के कारण तो इस तरह की समस्या उत्पन्न नहीं हुई।गांव में जाकर स्थिति का जायजा लिया गया है। उनके पीने का पानी सामान्य रूप से अशुद्ध नहीं दिखा है। इससे ऐसा प्रतीत होता है कि बासी खाना खाने के कारण उन्हें उल्टी दस्त होना शुरू हुआ और वह हैजा की चपेट में आ गए। फिलहाल सभी के स्वास्थ्य में सुधार है, बस्ती के लोगों को खान पान में सावधानी बरतने की समझाइस दी गई है।

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