धार । भोजशाला में सर्वेक्षण चल रहा है।

धार ।26 वें दिन एएसआई के आला अधिकारियों, कर्मचारियों, पक्षकार सहित मजदूरों ने सुबह 8 बजे ही भोजशाला में प्रवेश किया। मंगलवार को हिंदू समाज के लोगों को भोजशाला में प्रवेश दिया जाता है। ऐसे में टीम के सदस्यों ने अंदर के बजाय भोजशाला के आसपास के क्षेत्रों में सर्वे के तहत काम शुरू कर दिया हैं, जो शाम तक चलता रहेगा। हालांकि आज टीम के 11 ही अधिकारी पहुंचे हैं, ऐसे में सर्वे का काम धीमी गति से ही चलेगा।

सर्वे करते हुए टीम को एक माह का समय पूरा होने वाला हैं। अब कुछ नई मशीनों की आवश्यकता टीम के सदस्यों को हैं, जिसके बाद ही सर्वे में गति आएगी। ऐसे में जल्द ही टीम में नए सदस्य जुड़ेंगे, जो मशीनों को लेकर भी आएंगे।

 

हनुमान चालीसा का किया पाठ

 

भोज उत्सव समिति के माध्यम से प्रति मंगलवार हिंदू समाज के लोग भोजशाला में सत्याग्रह के तहत पूजन करते हैं। सुबह 9 बजे पूजा-अर्चना का दौर शुरू हुआ, भोजशाला के गर्भगृह में मां वाग्देवी सहित भगवान हनुमान का चित्र रखकर पूजन किया

गया। इसके बाद सरस्वती वंदना, हनुमान चालीसा का पाठ करते हुए आरती की गई, मां वाग्देवी के जयकारे भी सत्याग्रह के दौरान लगाए गए। अंत में आहुति दी गई।

 

हालांकि हवन कुंड में सर्वे के तहत काम चल रहा हैं, इसके कारण किसी को भी कुंड के पास जाने की अनुमति नहीं दी गई। ऐसे में हवन कुंड के पास में सांकेतिक रूप से ही आहुति दी गई है। मंगलवार होने के चलते बड़ी संख्या में लोग यहां पर पहुंचते हैं, जिसके कारण अतिरिक्त पुलिस बल चौकी पर तैनात किया गया। प्रवेश के दौरान सभी को चेक किया गया।

 

आकृतियां दिखने लगी

 

एएसआई के सदस्यों द्वारा प्रतिदिन भोजशाला में सर्वे के तहत काम किया जाता है। हवन कुंड से कुछ दूरी पर एक बड़े हिस्से को चिह्नित करने के बाद मिट्टी हटाने का काम किया जा रहा हैं, जिसके बाद पत्थरों पर बनी आकृतियां अब स्पष्ट दिखाई देने लगी है। एक से डेढ फीट के पत्थर यहां पर नजर आने लगे है। साथ ही एक पाषाण की मूर्ति भी मिट्टी हटाने के दौरान मिली है। इन आकृतियों को सनातनी आकृति बताया जा रहा हैं।

 

हालांकि एएसआई के अधिकारी इस और कुछ नहीं बोल रहे है। ऐसे में सर्वे के तहत जांच के बाद ही स्पष्ट होगा कि इन पत्थरों पर जो आकृतियां हैं, वे किस समय की है। हवन कुंड के एक कोने से जहां मिट्टी हटाने का कार्य शुरू किया गया था, यहां से भी पाषाण के अवशेष मिले हैं। इसकी बारीकी से जांच की गई है। यहां उपकरणों के माध्यम से जमीन के भीतर मौजूद संरचनाओं का पता लगाने का प्रयास किया जा रहा है।

 

मुस्लिम समाज में आपत्ती दर्ज कराई

 

भोजशाला के भीतर मौजूद हवन कुंड के पास खुदाई और गर्भ गृह में सर्वे चल रहा है। जिसे लेकर मुस्लिम समाज ने आपत्ति दर्ज कराई है। अब्दुल समद खान के अनुसार उच्चतम न्यायालय ने सर्वे के दौरान मूल स्ट्रक्चर को किसी भी प्रकार की क्षति न पहुंचाने के निर्देश दिए हैं। इसके बावजूद एएसआई की टीम भोजशाला में खुदाई कर रही हैं, जिसे लेकर उन्होंने पिछले 5 दिनों से आपत्ति दर्ज करवा रहे है, किंतु उस पर कोई सुनवाई नहीं हो रही है। मुस्लिम पक्षकार अब्दुल समद ने भी यह भी स्वीकार किया है कि इस मिट्टी हटाने के दौरान एक पाषाण की मूर्ति निकली है। समद के अनुसार इस इमारत का निर्माण अलग-अलग जगह से पत्थर और अवशेष लाकर किया गया था।

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