सतना: जन शिक्षा केन्द्र सोहावल के बीआरसी पर पर यहीं पदस्थ महिला एमआरसी ने गंभीर आरोप लगाए हैं। इसकी शिकायत कलेक्टर समेत पुलिस के पास की गई थी। इसी मामले में कलेक्टर अनुराग वर्मा के आदेश पर तीन सदस्यीय जांच कमेटी 21 नवंबर को बनाई गई थी, जिसे बीआरसी पर लगे आरोपों की जांच कर सात दिनों में अपना प्रतिवेदन पेश करना था। जन शिक्षा केन्द्र सोहावल की मोबाइल स्त्रोत सलाहकार विनीता आर्या ने बीआरसी दिवाकर तिवारी पर आरोप लगाए हैं कि वह जातिगत दुर्भावनावश भेदभाव से मानसिक रूप से प्रताडि़त करते हैं।
यह शिकायत 16 नवंबर को की गई थी। जब शिकायत ने तूल पकड़ा तो मामले को गंभीरता से लिय गया। इसी प्रकरण की बिन्दुवार जांच के लिए विकास खंड शिक्षा अधिकारी सोहावल टीके मिंज, सहायक परियोजना समन्वयक दिवाकर सिंह एवं नीलम कुशवाहा को नियुक्त किया गया था। सात दिनों में जब यह कमेटी प्रतिवेदन पेश करने में सक्षम साबित नहीं हुई तो 6 दिसंबर को एक नए आदेश में जांच कमेटी के सदस्य बदल दिए गए। अब इस जांच समिति में विकास खंड शिक्षा अधिकारी सोहावल टीके मिंज के साथ उमेश गौतम प्राचार्य शासकीय हाई स्कूल बचवई, रंजना सिंह, प्राचार्य शासकीय हाई स्कूल टिकुरिया टोला हैं। यह कमेटी भी अपनी जांच रिपोर्ट अब तक पेश नहीं कर पाई है।
मुझे नहीं देते काई सूचना
इस मामले में शिकायतकर्ता विनीता आर्या का कहना है कि मेरे साथ हुई प्रताडऩा की शिकायत पर कलेक्टर ने समिति गठित किया था। इस समिति को कब बदल दिया गया इसकी जानकारी मुझे लिखित या मौखिक रूप से नहीं दी गई। जांच कमेटी दो बार मुझे बिना सूचना दिए आई। इसकी सूचना भी नहीं दी जाती कि कब, कितने बजे आएंगे। जांच समिति के सामने ही मेरे साथ दुव्र्यवहार हुआ तो फिर समिति क्यों पर्दा डाल रही है। शिकायतकर्ता को ही पता नहीं चल रहा कि जांच कमेटी कब और क्यों बदली जा रही है।