उज्जैन-झालावाड़ राष्ट्रीय राजमार्ग पर कीटखेडी जोड़ के समीप हुआ हादासा, दिल्ली से इंदौर जा रही थी बस
सुसनेर, 18 दिसंबर. बुधवार सुबह 7 बजे उज्जैन-झालावाड़ राष्ट्रीय राजमार्ग 552 जी पर स्थित कीटखेड़ी जोड़ पर बिजली ग्रीड के समीप भीषण सडक़ हादसा हो गया. यहां दिल्ली से इंदौर जा रही बस अनियंत्रित होकर के पलट गई. दुर्घटना में 1 बच्ची की बस के नीचे दबने से मौत हो गई, जबकि 20 से ज्यादा लोग घायल हो गए.
सभी घायलों को स्थानीय प्रशासन की मदद से पुराना बस स्टैंड स्थित शासकीय सिविल अस्पताल में पहुंचाया गया. करीब 8 से 9 घायलों को जिला अस्पताल रैफर किया गया है. डॉक्टरों व स्वास्थ्य कर्मचारियों के द्वारा सभी घायलों का इलाज कर वार्ड में भर्ती किया गया. एसडीओपी देवनारायण यादव भी पुलिस प्रशासन के साथ अस्पताल पहुंचे. घटना स्थल पर एडिशनल एसपी निशा रेड्डी, तहसीलदार विजय सेनानी, एसडीएम सर्वेश यादव, टीआई केसर राजपूत ने भी पहुंचकर मोर्चा संभाला. घटना की जानकारी लगने पर कलेक्टर राघवेंद्र सिंह व एसपी विनोद कुमार सिंह भी मौके पर पहुंचे.
हाईटेंशन लाइन से टकराई थी तेज रफ्तार बस…
सुसनेर के पास हुए बस हादसे में एक और चौंकाने वाली बात सामने आई है. दुर्घटनाग्रस्त बस हाईटेंशन बिजली की लाइन से टकरा गई थी. पुलिस अधिकारियों का कहना है कि हादसे के वक्त लाइट कट होने से एक बड़ा हादसा टल गया. यदि उस समय लाइन में करंट प्रवाहित होता, तो बस में आग लग सकती थी, जिससे स्थिति और भी भयावह हो जाती. बस में करीब 30 यात्री सवार थे, जिनमें से अधिकांश घायल अवस्था में बस के भीतर ही फंसे हुए थे. यदि बिजली चालू होती, तो करंट के कारण बस में फंसे यात्रियों को बाहर निकालना नामुमकिन हो जाता और बड़ी संख्या में जानमाल का नुकसान हो सकता था. यह घटना न केवल सडक़ सुरक्षा की खराब स्थिति को दर्शाती है, बल्कि आपातकालीन व्यवस्थाओं की अपर्याप्तता की ओर भी संकेत करती है. इस मामले ने हाइवे पर हाईटेंशन लाइनों के नीचे से गुजरने वाले वाहनों की सुरक्षा पर भी सवाल खड़े किए हैं. जिला प्रशासन और संबंधित विभागों को ऐसे संभावित खतरों को कम करने के लिए उचित कदम उठाने की जरूरत है, ताकि भविष्य में ऐसी घटनाएं दोबारा न हो सके.
वाहन चालक की लापरवाही से हुआ हादसा…
बस में सवार यात्रियों ने बताया कि यह हादसा बस चालक की लापरवाही से हुआ है. वह तेज गति से बस को मनमर्जी से चला रहा था. कई बार यात्रियों ने उससे सावधानीपूर्वक बस चलाने को भी कहा, लेकिन उसने एक नहीं सुनी. इस वजह से यह हादसा हो गया और बस के ड्राइवर की लापरवाही सभी यात्रियों पर भारी पड़ गई. 30 में 20 यात्री घायल हो गए और एक बच्ची की जान चली गई.
दुर्घटना में ये हुए घायल
इस भीषण सडक़ हादसे में गौरव पिता हरिसिंह भदौरिया इंदौर, बिहारीलाल पिता जगदीश गुर्जर नसीराबाद अजमेर, राजीव रंजन पिता सुशील कुमार ग्रेटर नोएडा, सुदेशना पति राजीव रंजन, प्रतिशा पिता राजीव रंजन, अमिताभ पिता रामगोपाल शर्मा गुडग़ांव हरियाणा, मंजू पति श्यामलाल राठौर दिल्ली, भावना पति मोहित अग्रवाल गुडग़ांव, स्वीटी पति सौरभ जिन्दल दिल्ली, पूनम पति विकास दिल्ली, विकास पिता एएन त्रिपाठी, बलविंदर पिता संतोष सिंह नसीराबाद, ओशल पिता उमेशचन्द्र दुबे दिल्ली, शिवानी पिता विपेंद्र शर्मा, सतेंद्र पिता भगवान, हनी पिता राजेश चौहान, अमित चंदन पिता कृष्णकांत पंजाब, गीतारानी पति अनिल कुमार दिल्ली, पवन पिता श्यामलाल, अनिता शर्मा व आशीष दुर्घनाग्रस्त होकर घायल हुए हैं. इनमें से 8 वर्षीय प्रतिशा की मौत हुई है.
कलेक्टर-एसपी ने जाना घायलों का हाल
घटना की जानकारी लगने पर करीब सुबह 9 बजे कलेक्टर, एसपी घटना स्थल का निरीक्षण करने पहुंच गए थे. उसके दोनो ही पुराना बस स्टैंड स्थित शासकीय सिविल अस्पताल पहुंचे. यहां पर वार्ड में भर्ती मरीजों से चर्चा कर उनका हाल चाल जाना. साथ ही आवश्यक दिशा-निर्देश अपने अधिनस्थ कर्मचारियों को दिए.
आपात सेवाओं की तैयारी पर उठे सवाल
सुसनेर बस हादसे के बाद प्रशासन ने त्वरित कार्रवाई करते हुए कलेक्टर और एसपी को आधे घंटे में घटनास्थल और अस्पताल तक पहुंचाया. स्थानीय डॉक्टरों की टीम ने सीमित संसाधनों में घायलों का कुशलतापूर्वक इलाज कर स्थिति संभाली. हालांकि सवाल यह उठता है कि जिला स्वास्थ्य विभाग ने 30 किलोमीटर के दायरे में स्थित आगर, सोयतकलां और नलखेड़ा जैसे केंद्रों से चिकित्सा विशेषज्ञों और आवश्यक सहायता क्यों नहीं बुलाई. इतने गंभीर हादसे के बावजूद स्वास्थ्य विभाग की उदासीनता न केवल चिंताजनक है, बल्कि आपातकालीन चिकित्सा सेवाओं की तैयारियों पर भी प्रश्नचिह्न लगाती है. क्या भविष्य में ऐसे हादसों के लिए स्वास्थ्य विभाग त्वरित और प्रभावी योजना बना पाएगा.
प्रशासन की तत्परता, स्वास्थ्य विभाग की लापरवाही
सवाल यह उठता है कि इतनी बड़ी दुर्घटना के बाद भी जिला स्वास्थ्य विभाग की ओर से त्वरित कार्रवाई क्यों नहीं हुई. सुसनेर सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र की टीम ने अपनी सीमित सुविधाओं के बावजूद कुशलता से घायलों का इलाज किया, लेकिन अन्य स्थानों से विशेषज्ञ डॉक्टरों की टीम समय पर नहीं पहुंची. जब जिला कलेक्टर व एसपी सुसनेर अस्पताल पहुंच गए थे, तो जिला चिकित्सा अधिकारी क्यों नहीं पहुंच पाए.
इनका कहना है
बस में 30 यात्री सवार थे. हादसे में 20 से अधिक लोग घायल हुए हैं, जिनमें से कुछ की हालत गंभीर है. घायलों को बेहतर इलाज के लिए जिला अस्पताल रैफर किया गया है.
– विनोद कुमार सिंह, एसपी, आगर