भोपाल, 17 दिसंबर (वार्ता) केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) की विशेष अदालत ने यहां लगभग बारह वर्ष पहले आयोजित ‘मध्यप्रदेश वन रक्षक भर्ती परीक्षा 2012’ घोटाला मामले में चार आरोपियों को आज दोषी पाते हुए सात सात वर्ष का कारावास और जुर्माने की सजा सुनायी।
सीबीआई की ओर से मुहैया करायी गयी जानकारी के अनुसार व्यावसायिक परीक्षा मंडल (व्यापमं) की ओर से वर्ष 2012 में मध्यप्रदेश वन रक्षक भर्ती परीक्षा आयोजित की गयी थी। इसमें अनियमितताओं के जरिए कुछ लोगों की भर्ती की शिकायत की गयी थी। इस मामले की जांच के बाद राज्य पुलिस के विशेष कार्य बल (एसटीएफ) ने अप्रैल 2014 में प्राथमिकी दर्ज की थी। बाद में मामला सीबीआई को सौंप दिया गया और सीबीआई ने जुलाई 2015 में प्राथमिकी दर्ज कर व्यापक जांच की।
सीबीआई ने जांच पूर्ण होने के बाद अगस्त 2018 में सीबीआई की विशेष अदालत के समक्ष पूरक आरोपपत्र पेश किया। अदालत ने मामले की सुनवायी के बाद रामचित्र कौशल, शेर सिंह जाटव, भूप सिंह जाटव और राजेश सोलंकी नाम के आरोपियों को दोषी पाते हुए सात सात वर्ष का कारावास और चालीस हजार रुपए का जुर्माना सुनाया। अभियोजन के अनुसार जो व्यक्ति परीक्षा में चयिनत हुए थे, वास्तव में वे परीक्षा में बैठे ही नहीं थे।