विश्व को प्रेरणा देकर पंचतत्व में विलीन हुईं जोधईया बाई

11 महीने से लंबी बीमारी से थीं ग्रसित, शोक सभा आयोजित कर दी गई श्रद्धांजलि

 

उमरिया। गत दिवस की शाम पद्मश्री से सम्मनित बैगा चित्रकार जोधईया बाईं का निधन हो गया था, आज उनका पूरे सम्मान के साथ अंतिम संस्कार किया गया। उनके निधन की खबर से जिले के साथ प्रदेश में शोक की लहर सी छा गई। जोधईया बाईं का जन्म 1937 या 38 में हुआ, वह शुरू से एक गृहस्थ जीवन में आम जीवन शैली में रही हैं, पर उनके जीवन का संघर्ष भी उतना ज्यादा रहा है। करीब 40 वर्ष की उम्र में जोधाईया बाई के पति की आकस्मिक मौत के बाद अकेले ही संघर्ष के दिनों से लड़ते हुए अपने जीवन में नए आयाम के साथ अपनी एक अलग पहचान बनाकर संभाग ही नहीं पूरे विश्व में पहचानी गईं। उमरिया जिले की जोधईया बाई ने संघर्षों से लड़कर कोशिश करते-करते चित्रकला के द्वारा पद्मश्री जिले को दिलाई जो आज संभाग के साथ-साथ पूरे विश्व के लिए एक प्रेरणा बन गई कि किसी भी सफलता के मुकाम तक पहुंचाने के लिए ना कोई उम्र होती है और न कोई लंबा अनुभव होता है अगर होता है तो लगन होना चाहिए। पद्मश्री जोधईया बाई ने अपनी चित्रकारी से बताया की प्रतिभा को निखारने के लिए कोई उम्र की आवश्यकता नहीं होती है।

विदेशों में भी चित्रकला की लगती थी प्रदर्शनी

भारत के साथ साथ अंतरराष्ट्रीय स्तर पर बैगा चित्रकारी की पहचान बन चुकीं पद्मश्री जोधईया बाई की चित्रकला इटली, फ्रांस, ब्रिटेन, अमेरिका, जापान सहित अन्य देशों में सराही जा चुकी हैं। केरल, बंगाल और बिहार में भी उन्हें सम्मानित किया गया था।

उन्हे राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु ने सम्मानित किया, वहीं प्रधानमंत्री श्री मोदी से प्रधानमंत्री आवास न मिलने की जानकारी भी उन्होंने साझा की थी। इस दौरान देश के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने जोधईया बाई से चर्चा कर हाल जाना था। इस पर जोधइया बाई ने कहा था कि उन्हें अब तक प्रधानमंत्री आवास नहीं मिला है। इस चर्चा के कुछ समय बाद जोधइया बाई को आवास उपलब्ध करा दिया गया था।

 

महिला दिवस पर हो चुकी थीं सम्मानित

माहिलाओं के जीवन में संघर्षो के साथ अपने प्रतिभा को निखारने के साथ आज सारे सम्पूर्ण विश्व के महिलाओं को एक प्रेरणा दे गई जोधइया बाई अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस में बीते वर्ष 2022 में उन्हें अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस पर तत्कालीन राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने नारी शक्ति सम्मान से सम्मानित किया था।

चित्रकला को संग्रहालय के दीवारों में मिला स्थान

जोधाईया शांति निकेतन विश्व भारती विश्व विद्यालय, नेशनल स्कूल आफ ड्रामा, आदिरंग कार्यक्रम में शामिल हुईं और सम्मानित हुईं। मध्य प्रदेश जनजातीय संग्रहालय भोपाल में जोधईया बाई के नाम से एक स्थाई दीवार बनी हुई है, जिस पर इनके बनाए चित्र लगे हैं।

पूर्व मुख्यमंत्री चौहान ने भी किया था सम्मानित

मध्य प्रदेश के तत्कालीन मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने न सिर्फ जोधईया बाई को सम्मानित किया था, बल्कि वह उनसे मिलने के लिए लोढ़ा गांव भी पहुंच गए थे। जोधईया बाई की बनाई पेंटिंग देश-विदेश में आयोजित होने वाली प्रदर्शनियों में प्रदर्शित की जाती रही हैं।

जिला कलेक्टर पुलिस अधीक्षक सहित पूर्व सांसद ने दिया कांधा

बीते शाम जैसे ही यह दुखद खबर जिले में आई तो जिला प्रशासन के अधिकारियों ने जोधईया बाई के निज निवास पहुंच कर शोक प्रगट किया। पंच तत्व में विलीन जोधईया बाई को कलेक्टर धरणेन्द्र जैन, पुलिस अधीक्षक निवेदिता नायडू पूर्व सांसद ज्ञान सिंह ने कंधा दिया, उनकी अंतिम यात्रा में हजारो की संख्या में अम्मा के चाहने वाले सम्मलित रहे।

 

शोक सभा आयोजित कर दी गई श्रध्दांजलि

पद्मश्री एवं राष्ट्रीय नारी शक्ति सम्मान से विभूषित उमरिया जिले की गौरव जोधईया बाई का के सम्मान में संयुक्त कलेक्ट्रेट परिसर में कलेक्टर धरणेन्द्र कुमार जैन की अगुवाई में जिला प्रशासन व्दारा शोक सभा आयोजित कर नम आंखों से श्रध्दांजलि अर्पित की गई । इस अवसर पर उनके व्यक्तित्व एवं कृतित्व पर प्रकाश डाला गया।

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