40वें हिंदू सर्वजातीय परिचय सम्मेलन में 20 रिश्ते तय हुए

रोटी- बेटी का संबंध जब तक नहीं होगा तब तक हिंदू समाज घटता रहेगा, बंटता रहेगा: आचार्य वेदालंकार

परिणय स्मारिका का विमोचन भी हुआ
ग्वालियर: गुरु विरजानन्द वैदिक ट्रस्ट के अध्यक्ष डॉ. आचार्य भानु प्रताप वेदालंकार ने कहा है कि वैदिक सिद्धांत के अनुसार रोटी-बेटी का संबंध जब तक नहीं होगा, तब तक हिंदू समाज हमेशा घटता रहेगा, बंटता रहेगा इसलिए आज हमारी आवश्यकता है कि अंतरजातीय वैवाहिक संबंध होना चाहिए। महर्षि दयानंद सरस्वती ने कहा था कि “जब तक हम सभी गुण-कर्म- स्वभाव के अनुसार वैवाहिक संबंध नहीं करेंगे तब तक हिंदू समाज का उत्थान नहीं सकता है। डॉ. वेदालंकार ने उक्त आह्वान गुरु विरजानन्द वैदिक ट्रस्ट के तत्वावधान में नाट्य कला मंदिर, दाल बाजार में आयोजित 40वें हिंदू सर्वजातीय परिचय सम्मेलन में अपना प्रभावी उद्बोधन देते हुए व्यक्त किए।

परिचय सम्मेलन में 20 रिश्ते हुए। कार्यक्रम संयोजक रजनीश सिकरवार ने बताया कि इस अवसर पर सर्वजातीय परिणय स्मारिका का विमोचन विशेष रुप से आचार्य सत्येंद्र शास्त्री, आचार्य अशोक शास्त्री, रामप्रकाश वर्मा, सुरेंद्र राणा, श्रीमती सुमन सिंहल, बाबूलाल सिकरवार, श्रीमती मनीषा विद्यालंकार, पवन शास्त्री एवं आचार्य भानुप्रताप वेदालंकार के सान्निध्य में हुआ। सर्वजातीय परिचय सम्मेलन के अवसर पर अविवाहित, विधवा, विधुर, तलाकशुदा, अधिक आयु के लगभग 250 ढ़ाई सौ प्रत्याशियों ने अपना परिचय दिया।

इस सम्मेलन में मध्यप्रदेश के ग्वालियर ,भिंड, शिवपुरी, भोपाल, जबलपुर ,सागर, दतिया, इंदौर, शाजापुर, मुरैना आदि मध्य प्रदेश के अलावा छत्तीसगढ़, गुजरात, महाराष्ट्र, उड़ीसा, राजस्थान, उत्तर प्रदेश, दिल्ली हरियाणा आदि से भी अनेकों प्रत्याशियों ने अपना अपना परिचय देते हुए कहा कि हम सभी अंतर्जातीय वैवाहिक संबंधों में विश्वास रखते हैं, हम वैदिक सिद्धांत के अनुसार गुण-कर्म-स्वभाव के अनुसार समझते हुए वर-वधु का चयन करना चाहते हैं। आचार्य सत्येन्द्र शास्त्री ने कहा कि सर्वजातीय परिचय सम्मेलन आज हिंदू समाज की मांग है। गत 20 वर्षों से गुरु विरजानन्द वैदिक ट्रस्ट के द्वारा सैकड़ों रिश्ते अभी तक तय हो चुके हैं और आगामी सर्वजातीय परिचय सम्मेलन का आयोजन मार्च 2025 में करेंगे।
विधवा, विधुर, तलाकशुदा, अधिक आयु के प्रत्याशी भी हुए शामिल
कार्यक्रम संयोजक रजनीश सिकरवार ने बताया कि सर्वजातीय परिचय सम्मेलन में अविवाहित प्रत्याशियों से अधिक विधवा, विधुर, तलाकशुदा, अधिक आयु के प्रत्याशी 22 वर्ष से लेकर 65 वर्ष तक अपना -अपना परिचय दिया। इस अवसर पर श्रीमती गायत्री सोलंकी, श्रीमती सीमा देवड़ा, शुभम सिकरवार आदि उपस्थित थे। आभार प्रवेश देवड़ा ने व्यक्त किया।

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