मोदी ने अनुपालन प्रक्रियाओं को आसान बनाने की राज्यों से की अपील

नयी दिल्ली, (वार्ता) प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने राज्य सरकारों से सरकारी नियमों के अनुपालन प्रक्रियाओं को आसान बनाने की अपील की है।

श्री मोदी ने कहा कि अनुपालन प्रक्रियाओं की जटिलताओं के कारण नागरिकों को प्राय: परेशानी का सामना करना पड़ता है। श्री मोदी राजधानी में मुख्य सचिव के चौथे राष्ट्रीय सम्मेलन को संबोधित कर रहे थे। तीन दिन का यह सम्मेलन रविवार को संपन्न हुआ।

प्रधानमंत्री ने राज्य सरकारों को राजकाज के वर्तमान मॉडल में सुधार करने तथा जन भागीदारी को बढ़ाने का आग्रह किया। उन्होंने सुधार, समाधान और परिवर्तन की आवश्यकता पर बल देते हुए कहा कि लोगों तक सरकार की विभिन्न पहलुओं की सूचना भी पहुंचनी चाहिए।

मोदी ने पुनर्चक्रण आधारित अर्थव्यवस्था को प्रोत्साहित किए जाने पर भी बल दिया। उन्होंने कहा कि गोवर्धन कार्यक्रम आज ऊर्जा का एक बड़ा स्रोत बनकर उभरा है। उन्होंने कहा कि कचरे को कंचन बनाने कि यह पहल बूढ़े पशुओं को भी एक संपत्ति बना रही है जो पहले भर समझ जाते थे।

उन्होंने राज्यों के स्तर पर इलेक्ट्रॉनिक कचरा के पुनर्चक्रण के विषय में परियोजना को व्यावसायिक दृष्टिकोण से व्यावहारिक बनाने के लिए सरकारी सहायता की अवधारणा के बारे में भी सोच रखने का आग्रह किया। उन्होंने कहा कि इलेक्ट्रॉनिक कचरा आने वाले समय में और बढ़ेगा और इसके पुनर्चक्रण से उपयोगी संसाधन तैयार किया जा सकते हैं।

उन्होंने केंद्र सरकार के फिट इंडिया अभियान के अंतर्गत मोटापे के खिलाफ अभियान को एक चुनौती के रूप में स्वीकार किए जाने की भी अपील की। उन्होंने कहा कि हृष्ट-पुष्ट भारत ही विकसित भारत हो सकता है।

प्रधानमंत्री ने इस फॉर्म में पुरानी पांडुलिपियों के डिजिटल संस्करण तैयार किए जाने के लिए राज्यों में कदम उठाए जाने, प्रधानमंत्री गतिशक्ति को निरंतर अधिकतम बनाने और इसमें पर्यावरणीय प्रभाव और आपदा- प्रमाण क्षेत्र संबंधी संकेतों को भी शामिल करने का सुझाव दिया।

उन्होंने कहा कि आकांक्षी जिलों और प्रखंडों में कुशल अधिकारियों की नियुक्ति से जमीनी स्तर पर बड़े बदलाव आ सकते हैं और इसका बहुत बड़ा आर्थिक सामाजिक लाभ प्राप्त हो सकता है।

श्री मोदी ने इस अवसर पर देश के पहले गृहमंत्री सरदार वल्लभभाई पटेल को याद किया और कहा कि वह प्रशासनिक अधिकारियों के लिए प्रेरणा के स्रोत हैं। उन्होंने पटेल की आज पुण्यतिथि और यह वर्ष उनका 150वां जयंती वर्ष होने का उल्लेख करते हुए कहा कि दो वर्ष सरदार पटेल की याद विशेष रूप से मनाई जानी चाहिए और इस दौरान हमें उनके सपनों को साकार करने के लिए काम करना चाहिए।

मुख्य सचिवों के इस सम्मेलन में विनिर्माण, ग्रामीण क्षेत्रों में गैर – कृषि व्यवसाय, शहरीकरण, नवीकरणीय ऊर्जा और पुनर्चक्रण आधारित अर्थव्यवस्था पर विशेष रूप से चर्चा की गई।

सम्मेलन में उद्यमिता, कौशल विकास और स्वस्थ रोजगार सृजन के लिए पूरे सहयोग के साथ काम किया जाने पर भी चर्चा हुई ताकि भारत को मध्य आय वर्गीय देश से उच्च आय वर्गीय देश की श्रेणी में पहुंचा जा सके।

सम्मेलन में छोटे शहरों में सेवा क्षेत्र के विस्तार की संभावना का लाभ उठाने, असंगठित क्षेत्र को औपचारिक क्षेत्र में बदलने कथा गैर कृषि क्षेत्र में महिलाओं और गरीबों की भागीदारी बढ़ने पर विशेष ध्यान दिए जाने की आवश्यकता रेखांकित की गई।

इस सम्मेलन में अत्यधिक के प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में प्रगति के महत्व पर चर्चा के लिए एक विशेष सत्र आयोजित किया गया ताकि भारत विश्व के सामने उभरती चुनौतियों का समाधान प्रस्तुत कर सके।

इस सम्मेलन में राज्यों और केंद्र शासित क्षेत्र के मुख्य सचिवों तथा वरिष्ठ अधिकारियों के साथ साथ संबंधित क्षेत्र के विशेषज्ञों और केंद्र सरकार के वरिष्ठ अधिकारियों ने भाग लिया।

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