जिनेवा, (वार्ता) विश्व व्यापार संगठन (डब्ल्यूटीओ) की महानिदेशक ने सदस्य देशों को कृषि, मत्स्य सब्सिडी, व्यापार एवं विकास तथा अन्य मुद्दों पर बहुपक्षीय समझौते के लिये नया दृष्टिकोण अपनाने का आह्वान किया है।
उन्होंने कहा कि दुनिया डब्ल्यूटीओ से व्यवधान नहीं, समाधान की अपेक्षा करती है।
श्रीमती ओकोन्जो-इवेला ने यहां गुरुवार को यहां 12 दिसंबर को व्यापार वार्ता समिति (टीएनसी) की बैठक में प्रतिनिधिमंडलों को संबोधित करते हुये कहा इस समय चल रही बहुपक्षीय व्यापार वार्ताओं में नया दृष्टिकोण अपनाना चाहिये। उन्होंने कहा कि डब्ल्यूटीओ की 14वें मंत्रिस्तरीय सम्मेलन (एमसी14) की तैयारी में ‘जहाँ भी और जब भी संभव हो’ परिणाम देने पर ध्यान केंद्रित करना चाहिये।
एमसी14 मार्च के अंत में कैमरून में आयोजित होने वाली है।
महानिदेशक ने कहा कि चूंकि सदस्यों के बीच वार्तायें जारी हैं, ऐसे में यह आवश्यक है, “ हमें इसमें विषयों के महत्व, प्रकिया और दृष्टिकोण दोनों के संदर्भ में नया दृष्टिकोण अपनायें।”
उन्होंने कहा, “ हमें जहां भी और जब भी संभव हो, परिणाम देने पर ध्यान केंद्रित करना चाहिये। ”
श्रीमती ओकोन्जो-इवेला ने टीएनसी की अध्यक्ष के रूप में दूसरे देशों के नेताओं के साथ अपनी बैठकों का उल्लेख करते हुए कहा कि दुनिया में बहुपक्षीय व्यापार प्रणाली के लिए मजबूत समर्थन मौजूद है। उन्होंने कहा, “ ये नेता हमसे परिणाम देने की अपेक्षा करते हैं, गतिरोध या गतिरोध की नहीं। ”
जिनेवा में डब्ल्यूटीओ मुख्यालय की ओर से सदस्यों को मत्स्य पालन सब्सिडी, कृषि, व्यापार और विकास, वाइन और शराब के लिये भौगोलिक पहचान की अधिसूचना और पंजीकरण की एक बहुपक्षीय प्रणाली की स्थापना और व्यापार और पर्यावरण पर चल रही आधिकारिक स्तर की वार्ता के अध्यक्षों से प्रगति रिपोर्टें दी गयी हैं।
कृषि और मछली बाजार में सब्सिडी के मामले में भारत तथा अनेक विकासशील तथा गरीब देश खाद्य सुरक्षा और किसानों की आजीविका की सुरक्षा को को लेकर चिंतित है। भारत के अधिकारियों का कहना है कि सब्सिडी की तुलना प्रति किसान और मछुआरा सब्सिडी के आधार पर करना न्याय संगत होगा।
भारत निवेश के मुद्दे को डब्ल्यूटीओ वार्ताओं में शामिल करने के खिलाफ है, जबकि चीन निवेश सुविधा के मुद्दों को आगे बढ़ाने में लगा है।