तकनीकी शिक्षा, कौशल विकास राज्यमंत्री ने किया सतना आईटीआई का निरीक्षण

जिला मुख्यालय के आईटीआई के नवीन भवन हेतु प्रस्ताव भेजने दिये निर्देश

सतना 7 अगस्त /राज्य शासन के तकनीकी शिक्षा, कौशल विकास एवं रोजगार राज्यमंत्री श्री टेटवाल गौतम बुधवार को सतना जिले के प्रवास के दौरान सतना जिला मुख्यालय की औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थान का भ्रमण कर निरीक्षण किया। इस दौरान उन्होंने संस्था के नवीन भवन हेतु राज्य शासन को प्रस्ताव भेजने के निर्देश दिये। निरीक्षण के दौरान प्राचार्य आईटीआई सतना बीडी तिवारी, प्राचार्य उचेहरा राकेश गौतम, आईटीआई के अनुदेशकगण विजय तिवारी, पार्षद सूर्यपाल सिंह सहित प्रशिक्षु छात्र-छात्रायें उपस्थित थे।

कौशल विकास एवं तकनीकी शिक्षा राज्यमंत्री श्री टेटवाल ने कहा कि सतना जिले की सबसे पुरानी स्थापना की संस्था होने के फलस्वरूप यहां भवन की कमी है। उन्होंने आईटीआई के विभिन्न ट्रेडो टर्नर, मशीनिष्ट, फिटर, इलेक्ट्रिशियन ट्रेड के प्रायोगिक कक्ष (कर्मशाला) में जाकर मशीनों का अवलोकन किया और प्रशिक्षु छात्र-छात्राओं से बातचीत कर जानकारी ली। उन्होंने छात्र-छात्राओं से कहा कि राज्य शासन अब चिन्हित ट्रेडों के अलावा पारंपरिक व्यवसाय के उद्योग धंधों, ड्राईक्लीनर, ब्यूटीशियन सहित विभिन्न ट्रेडों के प्रशिक्षण आईटीआई में देने का प्रयास कर रहा है। राज्यमंत्री ने आईटीआई के अप्रेन्टिशिप और प्लेसमेंट सेल का भी निरीक्षण किया और प्रशिक्षित छात्र-छात्राओं के प्लेसमेंट के बारे में जानकारी ली। प्राचार्य आईटीआई ने बताया कि 1963-64 में स्थापित इस आईटीआई में भवन की कमी है। आईटीआई में 16 ट्रेड मिलाकर भवन के लिए 29 करोड रूपये का भवन निर्माण का डीपीआर प्रस्ताव राज्य शासन को भेजा गया है। राज्यमंत्री श्री टेटवाल ने कहा कि इस प्रस्ताव में छात्रावास भवन भी शामिल कर भवन प्रस्ताव भेजें जिसे राज्य शासन से स्वीकृति कराने के प्रयास किये जायेंगे। निरीक्षण के दौरान राज्यमंत्री ने आईटीआई सतना के प्रांगण की वाटिका में एक पेड मां के नाम अभियान के तहत पौध रोपण भी किया।

*भोपाल में बन रहा एशिया का सबसे बडा आईटीआई*

तकनीकी शिक्षा, कौशल विकास एवं रोजगार राज्यमंत्री गौतम टेटवाल ने कहा कि भोपाल में ग्लोबल पार्क के रूप में एशिया का सबसे बडा औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थान बनाया जा रहा है। लगभग 1570 करोड रूपये की लागत खर्च हो चुकी है। यहां एयरोप्लेन, एसी ट्रेन इंजन से लेकर सभी मशीनों के पार्ट बनाये जायेंगे। सिंगापुर से सीएनसी मशीन भी आ चुकी है। संस्थान में 6000 सीटों पर आईटीआई पास, बीई, बी टेक पास बच्चों का एडमिशन किया जायेगा। लगभग 4 हजार सीटर आडिटोरियम भी बन रहा है। संस्थान का नाम संत रविदास जी महाराज के नाम पर किया गया है। राज्य शासन ने तय किया है कि इस संस्था के माध्यम से युवाओं को हर चीज बनानी सिखाई जायेगी। जापान के सहयोग से नई-नई तकनीकों के अलावा गांवों के स्वदेशी और पारंपरिक काम धंधों के प्रशिक्षण को भी प्राथमिकता दी जायेगी। ब्यूटी पार्लर, सैलून अन्य ग्रामीण व्यवसाय के अलावा वैदिक पाठशाला में पुजारी की ट्रेनिग भी होगी।

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