हनुमान हैं न्याय और दंड के प्रतीक
जबलपुर। प्रदेश के विभिन्न थाना परिसरों में बनाए जा रहे मंदिरों के मामले में एक और मोड़ आ गया है। विश्व हिंदू महासंघ के बाद अब मप्र हाईकोर्ट बार एसोसिएशन ने मंदिर निर्माण को चुनौती देने वाली याचिका में हस्तक्षेप आवेदन दाखिल किया है। हाईकोर्ट बार का कहना है कि हनुमान न्याय और दंड के प्रतीक हैं। ऐसे में उनके मंदिर निर्माण के खिलाफ दायर याचिका पर कोई भी राहत न दी जाए। इस मामले पर हाईकोर्ट में सुनवाई आज गुरुवार 12 दिसंबर को निर्धारित है।
उल्लेखनीय है कि अधिवक्ता ओपी यादव की ओर से प्रदेश के थाना परिसरों में बने मंदिरों के निर्माण को चुनौती दी गई है। दायर मामले में आरोप है कि जबलपुर के अलावा प्रदेश के कई थाना परिसरों में भी मंदिरों का निर्माण अवैध रूप से किया जा रहा है। याचिका में जबलपुर के सिविल लाइन, विजय नगर, मदन महल और लार्डगंज थानों में हो रहे मंदिर निर्माण का हवाला देकर अवैध धार्मिक स्थलों के खिलाफ कार्रवाई के निर्देश दिए जाने की राहत चाही गई थी। न्यायालय ने विगत 4 नवम्बर को थाना परिसरों में मंदिरों के निर्माण पर यथास्थिति के आदेश दिए थे। मामले के विचाराधीन रहते विश्व हिंदू महासंघ ने याचिका के विरोध में हस्तक्षेप आवेदन दाखिल किया था। अब हाईकोर्ट बार एसोसिएशन की ओर से उक्त हस्तक्षेप आवेदन दायर किया गया है, जिसकी ओर से अधिवक्ता दिनेश उपाध्याय पैरवी करेंगे।