जबलपुर:शहर के अंदर चलने वाली मेट्रो बसों के लिए विभिन्न जगहों पर बस स्टॉप बनाए गए थे, जो अब या तो अतिक्रमण के कब्जे में आ चुके हैं या फिर देखरेख के अभाव के चलते पूरी तरीके से बर्बाद हो चुके हैं। इन स्टॉप्स से यात्रियों को बसों में सवार होने के लिए जगह तक नहीं रहती क्योंकि यहां अतिक्रमणकारियों और अवैध पार्किंग का बोलबाला रहता है। यही वजह है कि यह स्टॉप्स अब बेकार हो चुके हैं। जानकार कहते हैं नाही इन बस स्टॉप्स की सफाई होती है और ना ही इनकी मरम्मत की जाती है। इसका खामियाजा मेट्रो बसों में सफर करने वाले लोगों को उठाना पड़ रहा है।
ऑटो चालको का कब्जा
शहरी सीमा में छोटी-बड़ी मेट्रो बसें दौड़ाई जा रही है। इनकी संख्या लगभग एक सौ के आसपास पहुंच गई है। बावजूद इसके नौदरा पुल बस स्टॉप पर सिवाए तीन पहिया ऑटो के अलावा और कुछ दिखाई नहीं देता है। वही बात करें अगर मॉडल रोड बस स्टॉप की तो यहां पर चाट फुल्की वालों ने अपना कब्जा जमा कर रखा है। बसों के कुछ स्टाप कॉलोनियों के पास भी है। जिसमें यात्रियों के बैठने की व्यवस्था भी की गई है परंतु अतिक्रमणकारियो के पसरे रहने के कारण यात्रियों को सड़को पर ही खड़े रहना पड़ता है। स्टॉप के बाहर दुकानें लगा दी जाती हैं। इससे यहां आने वाले ग्राहक इन स्टॉप की बेंचों कुर्सियों पर बैठ जाते है।
अभी हो जाए कार्यवाही
नगर प्रशासन द्वारा अभी शहर भर के सारे अतिक्रमण समेटे जा रहे हैं। इसी क्रम में अगर जेसीटीएसएल अधिकारी अगर चाह ले तो अतिक्रमण दस्ते के साथ मिलकर बस स्टॉप्स को भी कब्जों से मुक्त कराया जा सकता है। शहर के नगर निगम, छोटी लाइन, धनवंतरी नगर, मेडिकल, सुपाताल बस स्टॉप्स सबसे ज्यादा प्रभावित है। इन स्टॉप्स पर यात्रियों को खड़े होने तक की जगह नहीं मिलती है।
इनका कहना है
हमारी अभी अतिक्रमण दस्ते से बातचीत चल रही है। जल्द ही बस स्टॉप्स को कब्जों से मुक्त कराया जाएगा और अतिक्रमण करने वालों पर जुर्माना भी लगाया जाएगा।
सचिन विश्वकर्मा, सीईओ, जेसीटीएसएल