सरकार ने पेश की रिपोर्ट, अगली सुनवाई जनवरी में
जबलपुर। मप्र हाईकोर्ट ने शहर में ऑटो रिक्शा की धमाचौकड़ी को चुनौती देने वाले मामले को गंभीरता से लिया। जस्टिस संजीव सचदेवा व जस्टिस विनय सराफ की युगलपीठ के समक्ष मंगलवार को सरकार की ओर से अपनी रिपोर्ट पेश की गई। जिसकी एक प्रति न्यायालय ने याचिकाकर्ता को देने के निर्देश देते हुए मामले की अगली सुनवाई जनवरी माह के दूसरे सप्ताह में निर्धारित की है।
उल्लेखनीय है कि यह मामला है कि सतना बिल्डिंग निवासी अधिवक्ता सतीश वर्मा और नागरिक उपभोक्ता मार्गदर्शक मंच के अध्यक्ष डॉ. पीजी नाजपांडे की ओर से दायर किया गया है। जिनमें कहा गया है कि शहर की सडक़ों पर धमाचौकड़ी मचाने वाले ऑटो लोगों की जान के दुश्मन बने हुए हैं। ऐसे ऑटो न सिर्फ शहर की यातायात व्यवस्था बिगाड़ते है, बल्कि इस हद तक सवारियों को बैठाते हैं कि हमेशा उनकी जान का खतरा बना रहता है। आवेदकों का आरोप है कि शहर की सडक़ों पर धमाचौकड़ी मचाने वाले ऑटो के संचालन को लेकर कई बार सवाल उठे, लेकिन जिला प्रशासन अब तक उनके खिलाफ कोई ठोस कार्यवाही करने में नाकाम रहा है। मामले में मंगलवार को सरकार की ओर से अपनी रिपोर्ट पेश की गई। जिसके बाद न्यायालय ने उक्त निर्देश दिये। मामले में आवेदक सतीश वर्मा ने स्वयं अपना पक्ष रखा।