नयी दिल्ली 09 दिसम्बर (वार्ता) राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग की कार्यवाहक अध्यक्ष विजया भारती सयानी ने कहा है कि आयोग भारत और दुनिया भर में मानवाधिकारों को बढावा देने के लिए प्रतिबद्ध है।
श्रीमती भारती सयानी ने मानवाधिकार दिवस की पूर्व संध्या पर अपने संदेश में यह बात कही। उन्होंने कहा , “ मानवाधिकार दिवस पर मैं सभी को हार्दिक शुभकामनाएं देती हूं। वर्ष 1950 से हर साल 10 दिसंबर को मनाया जाने वाला यह महत्वपूर्ण दिन 1948 में संयुक्त राष्ट्र द्वारा मानवाधिकारों की सार्वभौमिक घोषणा को अपनाने की याद दिलाता है। भारत के लिए, यह दिन विशेष महत्व रखता है, क्योंकि भारतीय प्रतिनिधियों ने इस ऐतिहासिक दस्तावेज़ के प्रारूपण में महत्वपूर्ण योगदान दिया था, जो गरिमा, न्याय और समानता के लिए मानवता की साझा प्रतिबद्धता को दर्शाता है।”
उन्होंने कहा कि मानवाधिकार दिवस एक शक्तिशाली अनुस्मारक के रूप में कार्य करता है कि प्रत्येक व्यक्ति अविभाज्य अधिकारों के साथ पैदा होता है। इस वर्ष का विषय – “ हमारे अधिकार, हमारा भविष्य, अभी” इस विश्वास को पुष्ट करता है कि मानवाधिकार केवल एक आकांक्षा नहीं है, बल्कि व्यक्तियों और समुदायों को बेहतर भविष्य बनाने के लिए सशक्त बनाने का एक व्यावहारिक उपकरण है। उन्होंने कहा, “ मानवाधिकारों की परिवर्तनकारी क्षमता को अपनाकर, हम एक ऐसा विश्व बना सकते हैं जो अधिक शांतिपूर्ण, न्यायसंगत और स्थिर हो। अब वैश्विक कार्रवाई को फिर से सक्रिय करने और मानवीय गरिमा में निहित भविष्य के लिए जुटने का समय है। आज हम जलवायु परिवर्तन, पर्यावरण क्षरण, आतंकवाद और राष्ट्रों की सीमाओं के भीतर और बाहर संघर्ष जैसी जटिल चुनौतियों का सामना कर रहे हैं, जो व्यापक मानवाधिकार उल्लंघन को बढ़ावा देते हैं।”
श्रीमती सयानी ने कहा कि इन मुद्दों को संबोधित करने के लिए सामूहिक वैश्विक कार्रवाई की आवश्यकता है ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि प्रगति और विकास का लाभ सभी को समान रूप से मिले। उन्होंने कहा कि भारत बहुत पहले से ही ‘वसुधैव कुटुम्बकम’, यानी ‘दुनिया एक परिवार है’ के विचार को मानता है। इसका पालन करके इस विचार को हासिल किया जा सकता है। राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग मानवाधिकार विमर्श को आगे बढ़ाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है, जो भारत की सहानुभूति, करुणा और मानवीय गरिमा के प्रति सम्मान के समृद्ध सभ्यतागत लोकाचार पर आधारित है। उन्होंने कहा कि आयोग भारत और दुनिया भर में मानवाधिकारों को बढ़ावा देने के लिए प्रतिबद्ध है, वह विशेष रूप से वैश्विक दक्षिण में अन्य राष्ट्रीय मानवाधिकार संस्थानों के साथ मिलकर काम करता है।
उन्होंने कहा कि क्षमता निर्माण पहलों के माध्यम से आयोग पिछले तीन दशकों में विभिन्न मानवाधिकार चिंताओं को संबोधित करने में अपने व्यापक अनुभव का लाभ उठाता है। उन्होंने कहा, “ मानवाधिकार दिवस के इस पवित्र अवसर पर, मैं एनएचआरसी, भारत की ओर से प्रत्येक व्यक्ति से आह्वान करता हूं कि वे ‘सर्वे भवन्तु सुखिनः’ अर्थात ‘सभी के लिए खुशी हो’ के सभ्यतागत लोकाचार के अनुरूप देश में मानवाधिकार संस्कृति को बढ़ावा देने और उसकी रक्षा करने के लिए खड़े हों।”