सोल 09 दिसंबर (वार्ता) दक्षिण कोरिया के राष्ट्रपति यून सुक-योल पर अस्थायी मार्शल लॉ की जांच के बीच देश छोड़ने पर प्रतिबंध लगा दिया गया है। योनहाप समाचार एजेंसी ने सोमवार को रिपोर्ट दी।
रिपोर्ट में कहा गया है कि भ्रष्टाचार जांच कार्यालय (सीआईओ) द्वारा उच्च पदस्थ अधिकारियों के लिए आदेश के लिए अनुरोध प्रस्तुत करने के तुरंत बाद न्याय मंत्रालय द्वारा प्रतिबंध लगाया गया था।
मीडिया रिपोर्टों के अनुसार राष्ट्रपति यून को उनके द्वारा अचानक मार्शल लॉ की घोषणा करने के मामले में पुलिस, अभियोजन पक्ष और सीआईओ द्वारा एक साथ की जा रही जांच में संदिग्ध के रूप में मामला दर्ज किया गया है।
इसके बाद मुख्य विपक्षी डेमोक्रेटिक पार्टी और अन्य विपक्षी दलों द्वारा राष्ट्रपति पर महाभियोग चलाने का प्रस्ताव भी प्रस्तुत किया गया था, लेकिन सत्तारूढ़ पीपुल पावर पार्टी के तीन सांसदों को छोड़कर सभी ने प्रस्ताव पर मतदान का बहिष्कार किया, जिसके बाद शनिवार को इसे रद्द कर दिया गया।
न्याय मंत्रालय के एक वरिष्ठ आव्रजन अधिकारी बे सांग-इओप ने कहा कि यात्रा प्रतिबंध आमतौर पर औपचारिक आवश्यकताओं की एक साधारण समीक्षा के बाद जारी किए जाते हैं।
उन्होंने कहा कि श्री यून पर प्रतिबंध अपराह्न तीन बजे के बाद लगाया गया था। योनहाप समाचार एजेंसी की रिपोर्ट के अनुसार, नेशनल असेंबली द्वारा इसे समाप्त करने के लिए मतदान करने के छह घंटे बाद यह आदेश हटा लिया गया।
रिपोर्ट के अनुसार सीआईओ प्रमुख ओह डोंग-वून ने सुनवाई के दौरान बताया कि उनका कार्यालय सैद्धांतिक रूप से संदिग्धों को हिरासत में लेकर देशद्रोह से संबंधित नेता और प्रमुख अपराधियों की गहन जांच करने के लिए प्रतिबद्ध है।
जब उनसे पूछा गया कि क्या सीआईओ ने प्रथम महिला किम कीन ही पर यात्रा प्रतिबंध लगाने का अनुरोध किया है, तो उन्होंने कहा कि इसकी समीक्षा की जाएगी