– रेत संविदाकार द्वारा निविदा के महीनों बाद भी सीधी में खदानें संचालन नही किए जाने के मीडिया के सवालों पर बोले म.प्र.विधानसभा नेता प्रतिपक्ष
नवभारत न्यूज
सीधी 7, दिसंबर। सीधी जिले में रेत के खेल का मामला विधानसभा में उठाऊंगा ताकि रेत संविदाकार की सांठगांठ पर कार्रवाई हो सके।रेत संविदाकार द्वारा निविदा के महीनों बाद भी सीधी में रेत खदानें संचालन नही किए जाने के मीडिया के सवालों पर यह बातें म.प्र. विधानसभा के नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंगार ने कही।
श्री सिंगार ने कहा कि निश्चित ही रेत संविदाकार द्वारा माइनिंग से सांठगांठ कर यह खेल किया जा रहा है जिससे खदानें संचालित न हो और चोरी छिपे रेत उत्खनन भी होता रहे । इससे जहां शासन को राजस्व क्षति होगी वहीं सड़क, भवन सहित सभी कामों पर असर पड़ेगा। निर्माण कार्य के लिए मंहगे दामों में लोगों को रेत खरीदने की मजबूरी बनी रहेगी। उधर नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंगार के विधानसभा में रेत संविदाकार सहकार ग्लोबल लिमिटेड की मनमानी को उठाने की बात कहने से अब सीधी के लोगों की उम्मीदें भी बढ़ी है कि रेत खदानों के संचालन की सार्थक कार्रवाई होगी।बताते चलें कि सीधी जिले के रेत संविदाकार सहकार ग्लोबल द्वारा हाईकोर्ट में याचिका क्रमांक 34655/2024 लगाई गई है कि ई-निविदा होने के बाद उसे रेत खदानों के संचालन की जिम्मेदारी सौंपी गई है। मौके पर जाकर जब रेत खदानों का जायजा लिया गया तो यहां रेत की उल्लेखित मात्रा कम पाई गई है। हाईकोर्ट द्वारा मामले की सुनवाई शुरू की गई। 6 दिसम्बर को सुनवाई के दौरान सहकार ग्लोबल के अधिवक्ता द्वारा यह कहते हुये मोहलत की मांग की गई कि अभी उसे अभी कोई जवाब नहीं मिला है। हाईकोर्ट जबलपुर द्वारा इसी आधार पर एक महीने की मोहलत देते हुये अगली पेशी 6 जनवरी 2025 को नियत की गई है। ऐसे में यह माना जा रहा है कि माइनिंग कार्पोरेशन की ओर से हाईकोर्ट में आज कमजोर पैरवी अधिवक्ता के माध्यम से कराने के कारण रेत संविदाकार सहकार ग्लोबल को यह मोहलत मिली है। दरअसल सीधी रेत खदानों के संविदाकार सहकार ग्लोबल लिमिटेड द्वारा निविदा शर्तों को देखकर और जानकार निविदा में भाग लेने की सहमति दी थी। जिसमें निविदा शर्तों के परिशिष्ट-3 के प्रारुप में सहकार ग्लोबल लिमिटेड ने स्वयं खदानों के निरीक्षण की रिपोर्ट लिखित में दी है। जिससे अब वो मुकर नही सकता है। फिर माइनिंग कारपोरेशन लिमिटेड न्यायालय में इस बात को छुपा कर सहकार ग्लोबल लिमिटेड अनुचित लाभ प्रदान कर रहा है। रेत संविदाकार सहकार ग्लोबल लिमिटेड जो पहले से सीधी जिले के सीमावर्ती जिले शहडोल एवं सिंगरौली की रेत खदानों का संचालन कर रही है। उसने साजिश के तहत ऊंची बोली लगाकर सीधी जिले की रेत खदानों को लेकर अब माइनिंग कारपोरेशन लिमिटेड से सांठगांठ कर माननीय उच्च न्यायालय में नीलामी प्रक्रिया के विपरीत अमानत राशि बचाने के साथ समय व्यतीत करने लगा है और शहडोल एवं सिंगरौली की खदानों से मनमाने दर पर रेत की बिक्री कर रहा है। निविदा शर्तों के नियम अनुसार माइनिंग कारपोरेशन लिमिटेड को सीधी रेत संविदाकार सहकार ग्लोबल लिमिटेड की अमानत राशि जप्त कर निविदा निरस्त कर देनी चाहिए।
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नवभारत ने प्रमुखता से उठाया मामला
रेत संविदाकार सहकार ग्लोबल लिमिटेड द्वारा सीधी जिले में 18 रेत खदानों के संचालन की जिम्मेदारी ई-निविदा के माध्यम से ली गई थी। बाद में रेत संविदाकार सहकार ग्लोबल द्वारा हाईकोर्ट में याचिका क्रमांक 34655/2024 लगाई गई है कि ई-निविदा होने के बाद उसे रेत खदानों के संचालन की जिम्मेदारी सौंपी गई है। मौके पर जाकर जब रेत खदानों का जायजा लिया गया तो यहां रेत की उल्लेखित मात्रा कम पाई गई है। जबकि हकीकत यह है कि प्रतिभागी ने ई-निविदा सह नीलामी में सम्मिलित किये जाने वाले समूह में सम्मिलित रेत खदानों की स्थिति का मौके पर निरीक्षण किया था। इसकी लिखित जानकारी भी माइनिंग कार्पोरेशन के पास मौजूद है। इस मामले को नवभारत द्वारा प्राथमिकता से उठाया गया।
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संविदाकार अवैध उत्खनन कर रहा होगा: नेता प्रतिपक्ष
म.प्र. विधानसभा के नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंगार ने मीडिया के सवाल के जवाब में कहा कि सीधी में निविदा होने के बाद भी रेत खदानों का संचालन न होने से साफ है कि बहानेबाजी कर संविदाकार अवैध उत्खनन कर रहा होगा। इस मामले में संविदाकार की माइनिंग से सांठगांठ होगी जिसके चलते ही यह पूरा खेल हो रहा है।