पुलिस ने पकड़े दो मास्टरमाइंड
करोड़ों के लेन-देन वाले 42 खाते फ्रीज
इंदौर. क्राईम ब्रांच ने सीनियर सिटीजन महिला से 46 लाख रुपए की ठगी के मामले में एक बड़े ऑनलाइन ठगी गैंग का पर्दाफाश किया है. गैंग के दो आरोपियों, अली अहमद खान और उनके बेटे असद अहमद खान को उत्तर प्रदेश के कन्नौज जिले से गिरफ्तार कर लिया है. आरोपियों ने डिजिटल अरेस्ट जैसे फर्जी तरीके अपनाकर लोगों को ठगने का अपराध स्वीकार किया है
क्राईम ब्रांच के एडिशनल डीसीपी राजेश दंडोतिया ने बताया कि आरोपियों का रिमांड लेकर पूछताछ की जा रही है. गैंग से जुड़े अन्य सदस्यों और ठगी से जुड़े और मामलों का खुलासा जल्द किया जाएगा. पुलिस ने नागरिकों से सतर्क रहने और किसी भी अज्ञात कॉल से जुड़ी जानकारी पुलिस को तुरंत देने की अपील की है.
ठगी का तरीका
गैंग के सदस्य कॉल पर खुद को पुलिस अधिकारी, सीबीआई अधिकारी, टेलीकॉम रेग्युलेटर अथॉरिटी ऑफ इंडिया या कस्टम विभाग का अधिकारी बताते थे. फर्जी दस्तावेज और झूठे आरोपों का डर दिखाकर, वे पीडि़तों से उनके बैंक खातों में पैसे ट्रांसफर करवाते थे.
46 लाख की ठगी का मामला
65 वर्षीय महिला फरियादी ने क्राईम ब्रांच में शिकायत की कि उनके पास 11 सितंबर 2024 को एक व्हाट्सएप कॉल आई, जिसमें कॉलर ने उन्हें बताया कि उनके नाम से एक सिम का दुरुपयोग हो रहा है और उनके खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई है. इसके बाद कॉल करने वाले ने खुद को सीबीआई अधिकारी बताते हुए धमकी दी कि उनके आधार कार्ड से जुड़े बैंक खाते और लेन-देन का इस्तेमाल मनी लॉन्ड्रिंग और आतंकवाद में हुआ है. डर के माहौल में, महिला ने आरोपियों के बताए खातों में 46 लाख रुपये ट्रांसफर कर दिए.
मदरसे के खातों का दुरुपयोग
आरोपियों ने ठगी के लिए फलाह दारेन मदरसा समिति के खाते का इस्तेमाल किया. यह बैंक खाता ठगी के पैसे को छिपाने और 50 प्रतिशत कमीशन पर ठगों को उपलब्ध कराया जाता था. पूछताछ में यह भी पता चला कि आरोपी चीनी एप्लिकेशन के जरिए अपनी पहचान छुपाने का प्रयास करते थे.
पुलिस कार्रवाई और गिरफ्तारियां
क्राईम ब्रांच ने तकनीकी निगरानी और जांच के आधार पर कन्नौज में छापा मारकर फलाह दारेन मदरसा समिति के प्रबंधक 69 वर्षीय अली अहमद खान और सह प्रबंधक 36 वर्षीय असद अहमद खान को गिरफ्तार किया किया है.
महत्वपूर्ण खुलासे
क्राईम ब्रांच ने आरोपियों से जुड़े 42 बैंक खातों को फ्रीज किया, जिनमें करोड़ों रुपए का लेन-देन मिला. आरोपियों का कहना है कि वे 50 प्रतिशत कमीशन पर ठगी की रकम का लेन-देन करते थे. और गैंग अन्य सदस्यों के साथ मिलकर देशभर में कई ठगी की वारदातों को अंजाम दे चुके हैं.