जबलपुर: जिले में धान की खरीदी तो शुरू हो चुकी है लेकिन ज्यादातर उपार्जन केंद्रों में प्रशासन के द्वारा बारदाना ही नहीं पहुंचाया गया है। जिसके चलते खरीदी केंद्रों पर अभी सन्नाटा पसरा हुआ है। जिसके कारण खरीदी जैसा माहौल अभी निर्मित ही नहीं हो रहा है। उल्लेखनीय है कि जिले में धान उपार्जन को लेकर 86 केंद्रों की स्थापना की गई है, जिसमें से तीन केंद्रों को हटाने को लेकर भी प्रस्ताव तैयार हुए थे ऐसे में 83 केंद्र धान उपार्जन के लिए बने हुए हैं। लेकिन वरदाना न पहुंचने की वजह से कुछ केंद्र को छोडक़र कहीं भी धान की खरीदी शुरू नहीं हो सकी है।
40 लाख क्विटल धान खरीदी का अनुमान
प्रशासन का अनुमान है कि इस बार लगभग चार लाख मैट्रिक टन याने 40 लाख क्विटल धान समर्थन मूल्य पर जिले में खरीदी जाएगी। जिसके लिए लगभग 93000 हेक्टेयर भूमि का 55800 किसानों के द्वारा पंजीयन कराया गया है। हालांकि इस बार रकवा पिछले साल की तुलना में कम है। पिछले साल लगभग 135000 हेक्टेयर भूमि का पंजीयन हुआ था, लेकिन इस बार यह आंकड़ा एक लाख भी टच नहीं कर पाया। वहीं पिछले साल लगभग 555000 मेट्रिक टन धान की खरीदी हुई थी वही इस बार कम रकबे के चलते अनुमान चार लाख का ही लगाया जा रहा है।
हड़ताल के चलते मिलरों ने नहीं जमा किया बारदाना
गौरव तालाब है कि राइस मिलरों की हड़ताल 6 दिसंबर तक चलने वाली है जिसके चलते इस बार उनके द्वारा कोई भी बारदाना जमा नहीं किया गया है। जबकि धान के उपार्जन में 54त्न नए बार दाने का उपयोग होना है वही 46त्न पुराने बारदाने का उपयोग किया जाएगा। यदि धान की खरीदी 40 लाख क्विंटल मानकर चलते हैं तो ऐसे में उपार्जन के लिए एक करोड़ बारदाने की आवश्यकता पड़ेगी।ऐसे में प्रशासन को नए बारदाने में धान की व्यवस्था करनी होगी,परंतु आपूर्ति निगम के पास नए बारदाने का पर्याप्त स्टॉक है।