जर्मनी के पर्यावरण प्रेमी डेनियल किलिंग जमुनिया ग्राम में पहुंचे, ग्रामीणों ने किया सम्मान
नीमच। यदि किसान 3 साल तक लगातार जैविक खाद का उपयोग करते हैं तो खेत की भूमि उपजाऊ रहती है। और फसल की मात्रा भी बढ़ सकती है। खेत के चारों ओर पेड़ अवश्य लगाना चाहिए। पेड़ से जमीन उपजाऊ रहती है। मिट्टी का कटाव होता है। पर्यावरण की रक्षा करना मानव जीवन के लिए महत्वपूर्ण है।
यह बात जर्मनी के पर्यावरण प्रेमी पेड़ों के डॉक्टर के रूप में विख्यात डेनियल किलिंग ने ग्राम पंचायत जमुनिया में पर्यावरण संरक्षण पर आयोजित कार्यक्रम में ग्रामीण एवं स्कूली विद्यार्थियों को संबोधित करते हुए कहीं। वे ग्राम पंचायत जमुनिया द्वारा आयोजित पर्यावरण संरक्षण के कार्यक्रम में बोल रहे थे। उन्होंने कहा कि पूरा विश्व पर्यावरण संरक्षण के लिए विभिन्न योजनाएं बनाकर पर्यावरण की रक्षा के लिए सहभागी बन रहा है ।युवाओं को चाहिए कि यदि एक पेड़ काटते हैं तो दो पेड़ अवश्य लगाएं और उनका कर्तव्य है कि उस पेड़ को अपनी संतान की तरह पालन करें। मुझे भारत आकर बहुत अच्छा लगा ।भारतीय संस्कृति से अभिभूत हूं। उन्होंने कहा कि खेतों की रक्षा करना है तो जैविक खाद का उपयोग करना चाहिए। रासायनिक खाद को छोड़ देना चाहिए। पेड़ों की रक्षा करेंगे तभी हमारा जीवन सुरक्षित रह सकता है।पेड जीवन जीने के लिए आक्सीजन प्रदान करते हैं। ग्राम पंचायत जमुनिया की सरपंच श्रीमती सुमन विनोद जायसवाल ने कहा कि पर्यावरण संरक्षण के लिए ग्राम पंचायत अपने स्तर पर प्रयास कर रही है। पर्यावरण के विकास के लिए ग्रामीण क्षेत्र में विभिन्न स्थानों पर विभिन्न औषधि के पौधे भी लगाए जाएंगे। इस अवसर पर पर्यावरण प्रेमी डेनियल किलिंग ने जर्मनी भाषा में अपने विचार व्यक्त किये जिसका हिंदी अनुवाद क्रमश: तन्मय शाह एवं राहुल जैन द्वारा किया गया। इस अवसर पर अखिल भारतीय जायसवाल महासभा के राष्ट्रीय प्रचार सचिव अर्जुन सिंह जायसवाल, बद्रीलाल शर्मा, बालमुकुंद शर्मा, लोकेश जाटव, लेखचंद जाटव, शासकीय हायर सेकेंडरी स्कूल जमुनिया के बालक प्रधान मंत्री पीयूष मालवीय, बालिका प्रधानमंत्री मनीषा धनगर, रंजन कंवर राठौड़, रेशमा सरगरा ,किरण रैकवार, अंकित धनगर आदि क्षेत्र के ग्रामीण एवं किसान एवं विद्यालय के विद्यार्थी बड़ी संख्या में उपस्थित थे। इस अवसर पर ग्राम पंचायत में ग्रामीण किसान, हायर सेकेंडरी के विद्यार्थी, ग्राम पंचायत एवं विद्यालय के स्टाफ बड़ी संख्या में उपस्थित सभी ने डेनियल किलिंग को माल्यार्पण कर आत्मीय सम्मान किया।कार्यक्रम का संचालन राहुल जैन ने किया तथा आभार सरपंच प्रतिनिधि विनोद जायसवाल ने व्यक्त किया।
आत्मीय स्वागत देख मन प्रफुल्लित हुआ-डेनियल
एक प्रश्न के उत्तर में डेनियल किलिंग ने बताया कि वह जर्मनी देश के राजधानी बर्लिन के समीप नौयोपिन शहर में रहते हैं। वे एक कंपनी में कार्यरत है ।पर्यावरण रक्षा के लिए वे सदैव सेवा कार्य करते रहते हैं। पर्यावरण के संबंध में कोई अधिक जानकारी चाहे तो इंस्टाग्राम परढ्ढ त्र:”द्दद्गह्म्द्वड्डठ्ठ_ह्यद्धद्गद्ध5ड्डस्रड्डड्ड” पर भी फॉलोप कर संपर्क कर सकते हैं।
वे अपने मित्र के विवाह समारोह में दाहोद गुजरात भाग लेने के लिए भारत आए हैं 22 दिसंबर तक में भारत में रहेंगे। इसके बाद में पुन: जर्मनी के लिए प्रस्थान करेंगे। विभिन्न पर्यावरण रक्षा के संगठनों से मिलेंगे। विद्यार्थियों के आग्रह पर उन्होंने मस्ती में झूम कर ढोल की ढाप पर नृत्य भी प्रस्तुत किया। एक अन्य प्रश्न के उत्तर में उन्होंने बताया कि एकता में ही शांति होती है सभी मिलकर रहेंगे तो खेती भी लाभ का कार्य बन सकती है। राजसी वैभव वाला स्वागत मन को छू गया है। सोशल मीडिया पर आई हर बात सच नहीं होती है। अपने अनुभव के आधार पर निर्णय लेना चाहिए। यूरोपीय देश विकासशील हो रहे हैं लेकिन भारत भी अपनी गति से विकास कर रहा है
पर्यावरण संरक्षण के लिए पौधारोपण आवश्यक- तन्मय शाह
पर्यावरण प्रेमी दाहोद गुजरात निवासी तन्मय शाह 2 वर्षों से जर्मनी में रहकर गिजमा विश्वविद्यालय से मैनेजमेंट का कोर्स कर रहे हैं। शाह ने बताया कि मिट्टी की उर्वरा क्षमता बनाए रखने के लिए जैविक खाद एक अमृत संजीवनी औषधि है। जैविक खाद के उपयोग से फसल अधिक होती है। पर्यावरण संरक्षण के लिए पौधारोपण महत्वपूर्ण एवं आवश्यक है।