प्रयागराज,30 नवंबर (वार्ता) खाक चौक व्यवस्था समिति के संतो ने मेला प्रशासन पर भूमि आवंटन को लेकर पक्षपात का आरोप लगाते हुए मेला प्राधिकरण कार्यालय के सामने दूसरे दिन धरने पर बैठे हैं।
खाक चौक व्यवस्था समिति के महामंत्री महामंडलेश्वर संतोषदास सतुआ बाबा के नेतृत्व में बडी संख्या में संतों ने मेला प्राधिकरण कार्यालय के समक्ष धरने पर बैठे है। उनका कहना है कि 28 नवंबर को खाक चौक समिति के संतों को जमीन आवंटन किया जाना था। संत और अधिकारी तो जुटे लेकिन संतों ने जमीन दूसरी जगह देने की बात कहते हुए जमीन लेने से इन्कार कर दिया। शुक्रवार को सुबह ही खाक चौक के साधु-संत मेला प्राधिकरण कार्यालय के बाहर धरने पर बैठ गए। मेला अधिकारियों से वार्ता भी हुई लेकिन कोई परिणाम नहीं निकला।
संतोषदास ने कहा कि अखाड़ों के पीछे कभी खालसे नहीं होते थे बल्कि हमारा खाक चौक होता था। हमारी जमीन खालसों को दी जा रही है। हम संतों को दूर भेजा जा रहा है। मेला के अधिकारी हमारी बात सुनने को तैयार नहीं हैं। जब तक हमारी बात नहीं सुनी जाएगी, हमें पूर्ववत की तरह जमीन नहीं दी जाएगी तब तक हम लोग धरने पर बैठे रहेंगे।
उन्होंने कहा कि वर्ष 2019 कुंभ में पहली बार मेला अधिकारी ने गंगा की धारा के कारण जमीन कम होने पर पहली बार अखाडों को गंगा के उस पार खाक चौक की भूमि आवंटन किया गया था। मेला प्रशासन के कहने पर खाक चौक व्यवस्था समिति इस पर तैयार हो गया।
उस समय मेला अधिकारी विजय किरण आनंद ने कहा था कि यह परंपरा नहीं बनेगी और 2025 महाकुंभ में पूर्व की भांति ही अखाडों के बाद भूमि का आवंटन खाक चौक को किया जाएगा लेकिन ऐसा नहीं हुआ। बाद में मेला प्रशासन ने खाक चौक को पत्र दिया था कि भविष्य में अगर गंगा स्थान बदलती हैं तो यह परंपरा को लकीन नहीं माना जाए, जैसे पूर्ववत मेला बसता था वैसे बसेगा। इस वर्ष भी गंगा के कटान के कारण 2019 की व्यवस्था को नजीर बनाते हुए अखाडों के पीछे खालसा को जमीन आवंटित कर दी गई।
महामंत्री ने कहा कि खाक चौक के संत शांति पूर्वक प्रदर्शन कर रहे हैं। ऐसे में अगर उनकी मांगे नहीं मानी गई तो उनके पास अदालत का दरवाजा खटखटाने के अलावा कोई विकल्प नहीं रहेगा। इसके बाद कोर्ट का जो निर्णय होगा, सभी संत उसको मानेंगे।