400 पुलिसकर्मी 37 थानों में संभालेंगे सायबर हेल्प डेस्क 

कर्मचारियों का 6 दिवसीय प्रशिक्षण समाप्त

आज से सभी थानों में शुरू होगी हेल्प डेस्क

भोपाल, 30 नवंबर. आधुनिक समय में दिनों दिन बढ़ रही सायबर अपराधों की घटनाओं पर अंकुश लगाने के लिए आज 1 दिसंबर से भोपाल के सभी नगरीय 37 थानों में सायबर हेल्प डेस्क का शुरू की जा रही है. हेल्प डेस्क की जिम्मेदारी करीब 400 पुलिस कर्मचारी संभालेंगे. इसके पहले इन सभी पुलिस कर्मचारियों की कार्यकुशलता और तकनीकी नॉलेज बढ़ाने को लेकर सभी थानों के अधिकारियों और कर्मचारी को 6 दिवसीय प्रशिक्षण दिया गया है. जानकारी के अनुसार सायबर अपराध लगातार बढ़ रहे हैं. वर्तमान में आमजन को सायबर धोखाधड़ी की शिकायत के लिए सायबर शाखा जाकर आवदेन देना पड़ता है. शहर में एक ही सायबर थाना होने और अधिकतर थानों से काफी दूरी के कारण पीडि़तों को शिकायत के लिए सायबर थाने जाने में काफी समय लगता था और काफी परेशानी होती थी. पिछले कुछ वर्षों में सायबर अपराधों में बेतहाशा वृद्धि होने से शाखा में शिकायतें पेंडिंग हो रही हैं. इन बिंदुओं को मद्देनजर रखते हुए आमजन की सहूलियत के लिए 1 दिसंबर से आवेदक/पीडि़त 5 लाख रुपए तक की धोखाधड़ी/ठगी की शिकायत संबंधित थानों में कर सकेंगे. जल्द शिकायत होने से पीडि़त का पैसा सायबर पुलिस त्वरित कार्यवाही कर होल्ड करेगी, जिससे रिफंड होने की संभावना काफी बढ़ जाएगी. प्रशिक्षण में शामिल हुए चार सौ कर्मचारी पुलिस अधिकारियों और कर्मचारियों की कार्यकुशलता, तकनीकी नॉलेज बढ़ाने के लिए नगरीय पुलिस भोपाल के 37 थानों के निरीक्षक से आरक्षक स्तर के लगभग 400 अधिकारी और कर्मचारियों को 6 दिवसीय प्रशिक्षण दिया गया. इसमें एनसीसीआरपी, जेएमआईएस एवं सीईआईआर पोर्टल तथा सायबर क्राइम की रोकथाम, टेक्निकल एनालिसिस, पब्लिक अवेयरनेस, इन्वेस्टिगेशन इत्यादि से संबंधित विस्तृत प्रशिक्षण प्रदान किया गया है. प्रशिक्षण में बताया गया कि सायबर क्राइम की शिकायत को किस प्रकार से पोर्टल पर अपलोड करना, फेसबुक, इंस्टाग्राम, एक्स, इत्यादि से जानकारी मंगाना एवं बैंक से अकाउंट डिटेल, सीडीआर निकालना, साक्ष्यों एवं जानकारी को एकत्रित करने के बारे में विस्तार से प्रशिक्षित किया गया है. चैन सिस्टम से करना होगा काम प्रशिक्षण के दौरान पुलिस उपायुक्त क्राइम अखिल पटेल ने व्यक्तिगत अनुभव साझा करते हुए बताया कि सायबर क्राइम में अपराध की जड़ तक जाने के लिए चैन सिस्टम से कार्य करना होगा. इसके लिए तकनीकी ज्ञान और संसाधन होना बेहद जरूरी है. सायबर अपराधों से निपटने एवं भविष्य में आने वाली चुनौतियों के लिए सभी कर्मचारियों को टेक्नीकल रूप से निपुण होना पड़ेगा. अतिरिक्त पुलिस उपायुक्त शैलेन्द्र सिंह चौहान ने सायबर क्राइम अनुसंधान में आने वाली तकनीकी दिक्कतों, दीगर प्रदेशों से समन्वय तथा अनुसंधान के दौरान एकत्रित किए जाने वाले डिजिटल साक्ष्य, दस्तावेज इत्यादि के सम्बंध में सारगर्भित मार्गदर्शन दिया है. 00000000

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