नयी दिल्ली, (वार्ता) महालेखा नियंत्रक (सीजीए) द्वारा शुक्रवार को जारी आंकड़ों के अनुसार चालू वित्त वर्ष 2024-25 की अप्रैल-अक्टूबर अवधि के लिए केंद्र सरकार का राजकोषीय घाटा 7.50 लाख करोड़ रुपये रहा जो पूरे वर्ष के बजट अनुमान के 46.5 प्रतिशत के बराबर है।
वित्त वर्ष 2023-24 की अप्रैल-अक्टूबर अवधि के दौरान राजकोषीय घाटा (कुल प्राप्तियों और कुल व्यय) के बीच का अंतर 8.03 लाख करोड़ रुपये था।
सीजीए के आंकड़ों के अनुसार चालू वित्त वर्ष में अप्रैल-अक्टूबर अवधि के दौरान केंद्र सरकार की कुल प्राप्तियां 17,23,074 करोड़ रुपये और कुल व्यय 24,73,898 करोड़ रुपये रहा।
आईसीआरए की मुख्य अर्थशास्त्री अदिति नायर ने राजकोषीय घाटे के आंकड़ों पर टिप्पणी करते हुए कहा, ‘वित्त वर्ष 2024-25 के अप्रैल-अक्टूबर में केंद्र के शुद्ध कर राजस्व में सालाना आधार पर 0.2 प्रतिशत की मामूली वृद्धि हुई है (करों के अतिरिक्त हस्तांतरण के कारण), गैर-कर राजस्व में आरबीआई लाभांश के चलते 50 प्रतिशत की वृद्धि, राजस्व व्यय में मामूली 8.7 प्रतिशत की वृद्धि और पूंजीगत व्यय में 14.7 प्रतिशत की कमी आई आयी ।
चालू वित्त वर्ष के पहले सात महीनों के लिए सरकार का पूंजीगत व्यय 4.7 लाख करोड़ रुपये या वार्षिक लक्ष्य का 42 रहा था जबकि एक साल पहले इसी अवधि में यह 5.5 लाख करोड़ रुपये था।