नयी दिल्ली 28 नवम्बर (वार्ता) राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु ने कहा है कि तेजी से बदलती भू-राजनीतिक स्थिति में सेनाओं को किसी भी स्थिति से निपटने के लिए पूरी तरह तैयार रहने की जरूरत है।
श्रीमती मुर्मु ने गुरूवार को तमिलनाडु के वेलिंगटन स्थित रक्षा सेवा स्टाफ कॉलेज के छात्र अधिकारियों और शिक्षकों को संबोधित किया।
राष्ट्रपति ने इस अवसर पर कहा कि देश विकास के पथ पर आगे बढ रहा है और दुनिया रक्षा सहित विभिन्न क्षेत्रों में हमारे विकास को स्वीकार कर रही है। भारत भविष्य की चुनौतियों का सामना करने के उद्देश्य से सशस्त्र बलों को तैयार रखने के लिए स्वदेशीकरण और आत्मनिर्भरता की ओर बढ़ रहा है। उन्होंने कहा कि भारत एक प्रमुख रक्षा विनिर्माण केंद्र के रूप में विकसित हो रहा है और एक विश्वसनीय रक्षा भागीदार और बड़ा रक्षा निर्यातक बनने की ओर अग्रसर है। राष्ट्रपति ने कहा कि तेजी से बदलते भू-राजनीतिक माहौल में हमें किसी भी स्थिति से निपटने के लिए पूरी तरह तैयार रहने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि हमें न केवल अपने राष्ट्रीय हितों को सुरक्षित रखना है बल्कि साइबर युद्ध और आतंकवाद जैसी नई राष्ट्रीय सुरक्षा चुनौतियों के लिए भी तैयार रहना है। जलवायु परिवर्तन का मुद्दा नए आयाम हासिल कर रहा है जिसे समझने और प्रबंधित करने की जरूरत है। गहन शोध पर आधारित अद्यतन ज्ञान और अत्याधुनिक तकनीकों को लागू करने की जरूरत है।
श्रीमती मुर्मु ने कहा कि रक्षा सेवा स्टाफ कॉलेज ने भारत और मित्र देशों के सशस्त्र बलों के अधिकारियों और नागरिक अधिकारियों को प्रशिक्षित करने तथा शिक्षित करने में सराहनीय योगदान दिया है। पिछले सात दशकों में इसने मध्यम स्तर के अधिकारियों को पेशेवर रूप से तैयार करने में प्रमुख भूमिका निभाई है।
राष्ट्रपति ने कहा कि भारतीय सशस्त्र बलों का सभी सम्मान करते हैं। सशस्त्र बल देश की सीमाओं और क्षेत्रीय अखंडता की रक्षा करने में सबसे आगे हैं। राष्ट्रीय हितों की निरंतर रक्षा करने के लिए राष्ट्र को रक्षा बलों पर गर्व है।
श्रीमती मुर्मु ने कहा कि यह अच्छी बात है कि महिला अधिकारी अब तीनों सेनाओं में विभिन्न इकाइयों की कमान संभाल रही हैं। उन्होंने कहा कि सभी क्षेत्रों में महिलाओं की बढ़ती ताकत और भूमिका सभी के लिए, विशेषकर युवा लड़कियों के लिए उत्साहजनक और प्रेरणादायक है। उन्होंने सशस्त्र बलों में अधिक से अधिक महिलाओं के शामिल होने की उम्मीद जताई, जहां वे असाधारण क्षमताओं का प्रदर्शन कर सकेंगी और अज्ञात क्षेत्रों में नई जमीन हासिल कर सकेंगी। उन्होंने विश्वास व्यक्त किया कि यह पाठ्यक्रम छात्र अधिकारियों को जिम्मेदारियों के लिए तैयार करेगा तथा ऐसे रणनीतिकार बनाएगा जो जटिल परिस्थितियों से प्रभावी तरीके से निपट सकें।