डिजिटल अरेस्ट मामले में यूपी के महोबा से पहली गिरफ्तारी 

जालसाजों को सिम बेचने वाला पीओएस एजेंट पकड़ाया

सिम खरीदने वाले आरोपी की तलाश में जुटी पुलिस टीम

भोपाल, 28 नवंबर. राजधानी की क्राइम ब्रांच ने एक इंजीनियर युवक को डिजिटल अरेस्ट करने वाले गिरोह के एक साथी को उत्तर प्रदेश के महोबा से गिरफ्तार किया है. डिजिटल अरेस्ट के मामले में भोपाल क्राइम ब्रांच की यह पहली गिरफ्तारी है. पुलिस के हत्थे चढ़ा आरोपी पीओएस एजेंट है, जिसने सायबर जालसाजों को मोटी रकम लेकर सिम बेची थी. इस मामले में सिम खरीदकर वारदात को अंजाम देने वाले आरोपी की तलाश में पुलिस टीम लगाई गई है. गिरफ्तार आरोपी ग्रामीण इलाकों में लोगों को फ्री में मोबाइल सिम देने का काम करता था. वह ग्राहक के आधार कार्ड का उपयोग कर एक साथ 2 सिम निकाल लेता था. एक सिम ग्राहक को देता और दूसरी सिम एक्टीवेट करने के बाद अपने पास रख लेता था. बाद में उसे ठगी करने वालों को ऊंचे दामों में बेच देता था. प्रारंभिक पूछताछ में करीब 150 सिमें सायबर जालसाजों को बेचने की बात सामने आई है. इंजीनियर को किया था डिजिटल अरेस्ट बजरिया इलाके में रहने वाले प्रमोद कुमार (38) एक टेलीकाम कंपनी में फील्ड आफिसर हैं. बीती 12 नवंबर को शाम को अज्ञात व्यक्ति ने उन्हें फोन करके बताया कि वह टेलीकॉम रेगुलर अथॉरिटी से बात कर रहा है. उसका कहना था कि आपके आधार कार्ड से एक सिमकार्ड मुंबई में लिया गया है, जिसका उपयोग गैर कानूनी कार्य में किए जा रहा है. इसके कुछ देर बाद प्रमोद के मोबाइल पर अज्ञात वांट्सएप नंबर से कॉल आया, जिसमें बात करने वाले ने खुद को पुलिस की वर्दी में मुंबई क्राइम ब्रांच का अधिकारी बताया. उसके बाद तीसरे नंबर से सीबीआई के नाम से तीन पत्र भेजे गए. क्राइम ब्रांच का अफसर बताने वाले ने प्रमोद से बोला कि साढ़े तीन लाख रुपये जमा कीजिए, अन्यथा आपके खिलाफ सीबीआई कार्रवाई करेगी. आरोपियों ने करीब साढ़े छह घंटे तक प्रमोद को उन्हीं के कमरे मं डिजिटली अरेस्ट करके रखा. हालांकि उन्होंने रुपये ट्रांसफर नहीं किए थे. सुबह सूचना मिलते ही मौके पर पहुंचे क्राइम ब्रांच के एडिशनल डीसीपी शैलेंद्र सिंह चौहान और एसीपी मुख्तार कुरैशी ने प्रमोद के घर पहुंचकर उन्हें सांत्वना दी थी. बाद में प्रमोद की शिकायत पर अज्ञात सायबर जालसाजों के खिलाफ धोखाधड़ी और आईटी एक्ट की धाराओं के तहत केस दर्ज किया था. मोबाइल सिम बेचता है आरोपी एडिशनल डीसीपी क्राइम ब्रांच शैलेंद्र सिंह चौहान ने बताया कि तकनीकी एनालिसिस के बाद पुलिस की एक टीम कानपुर और महोबा के लिए रवाना की गई थी. करीब एक सप्ताह की अथक मशक्कत के बाद पुलिस ने मोबाइल धारक विकास साहू निवासी भाटीपुरा महोबा से पूछताछ की. विकास ने पुलिस को बताया कि एयरटेल मोबाइल कंपनी के पीओएस एजेंट धीरेंद्र कुमार विश्वकर्मा ने नि:शुल्क सिम देने का कहकर उसका आधार कार्ड और फेस को अपने मोबाइल में स्कैन किया था. उसके बाद बोला कि सिम एक्टीवेट नहीं हो रही है, इसलिए फिंगर प्रिंट और फेस को अपने आधार कार्ड में अपडेट करवा लें. ऐसा बोलकर उसने दोबारा से बायोमैट्रिक मशीन में अंगूठा लगवाया था. यही बात उसने न्यायालय के सामने भी कही थी. उसके बाद पुलिस टीम ने पीओएस एजेंट धीरेन्द्र कुमार विश्वकर्मा (30) निवासी निवासी वीरभूमि डिग्री कॉलेज के पास, भाटीपुरा, मबोहा, उत्तर प्रदेश को गिरफ्तार कर लिया. उसके कब्जे से एक मोबाइल फोन और 3 सिमकार्ड जब्त किए गए हैं. फरार आरोपी की तलाश में जुटी पुलिस एडिशनल डीसीपी चौहान ने बताया कि इस मामले में सिम उपलब्ध कराने वाले धीरेंद्र कुमार विश्वकर्मा को गिरफ्तार किया गया है. उसने उक्त सिम दुर्गेश सिंह निवासी घाटमपुर जिला कानपुर उत्तर प्रदेश को बेची थी. पुलिस टीम दुर्गेश की तलाश कर रही है. उसकी गिरफ्तारी के बाद ही पता चल पाएगा कि दुर्गेश ने अपने साथियों के साथ डिजिटल अरेस्ट की घटना को अंजाम दिया था अथवा उक्त सिम को और किन्हीं जालसाजों को बेच दिया था. सिम खरीदते समय बरतें सावधानी मोबाइल सिम खरीदते समय बायोमैट्रिक मशीन पर एक बार ही फिंगर प्रिंट लगाना चाहिए. एक से ज्यादा बार फिंगर प्रिंट लगाने को बोला जाए तो जांच ले कि आपके नाम पर एक अधिक सिम तो नहीं इश्यू की जा रही हैं. आधार कार्ड या अन्य दस्तावेजों की फोटोकाफी देते समय (केवल सिम खरीदने के लिए) लिखकर हस्ताक्षर करें, जिससे डाक्यूमेंट्स का मिसयूज नहीं हो पाएगा. टैफकॉप पोर्टल पर जाकर पता लगाया जा सकता है कि आपके नाम पर कितने मोबाइल सिम एक्टीवेट हैं. मोबाइल फोन गुमने अथवा चोरी होने पर तत्काल पुलिस को सूचित करें. किसी प्रकार की सायबर धोखाधड़ी होने पर ऑनलाइन सायबर क्राइम पर शिकायत दर्ज कराएं. बैंक, बीमा कंपनियों, म्युचल फंड्स, स्टॉक ब्रोकर, सामूहिक निवेश योजनाओं पेंशन योजनाओं, गैर बैंकिग वित्तीय कंपनियों के खिलाफ शिकायत की रिपोर्ट सचेत पोर्टर पर दर्ज कराई जा सकती है. सायबर काईम संबंधित घटना घटित होने पर भोपाल सायबर क्राइम के हेल्पलाइन नम्बर 9479990636 अथवा राष्ट्रीय हेल्पलाईन नंबर 1930 पर दी सकती है.

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