नयी दिल्ली, 27 नवंबर (वार्ता) वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री पीयूष गोयल ने बुधवार को कहा कि भारत और फ्रांस कृषि और खाद्य प्रसंस्करण का विस्तार के लिए परस्पर सहयोग और उत्पादन के नए-नए स्वस्थ तरीकों का इस्तेमाल करके विश्व की खाद्य सुरक्षा में महत्वपूर्ण योगदान कर सकते हैं।
श्री गोयल ने यहां में फ्रांसीसी विदेश व्यापार सलाहकारों की ओर से आयोजित एशिया प्रशांत आयोग (एपीएसी) 2024 फोरम की बैठक को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि कृषि एवं खाद्य प्रसंस्करण क्षेत्र में स्वस्थ प्रथाओं का इस्तेमाल जलवायु परिवर्तन और दुनिया भर में इसके उभरते प्रतिकूल प्रभाव को कम करने में सहायक हो सकता है। उन्होंने स्वच्छ ऊर्जा, विमान विनिर्माण और विनिर्माण के अन्य क्षेत्रों में भी परस्पर सहयोग की संभावनाओं को रेखांकित करते हुए फ्रांसीसी कंपनियों को भारत में निवेश के लिए आमंत्रित किया।
उन्होंने कहा कि भारत दुनिया का सबसे बड़ा विमानन बाजार है, जिसमें 1500 विमानों का ऑर्डर दिया गया है और 2000 ऑर्डर तक की क्षमता है। इसे देखते हुए उन्होंने फ्रांसीसी विमानन क्षेत्र से भारत में विनिर्माण सुविधाएं स्थापित करने के अवसर तलाशने का आग्रह किया। उन्होंने इस विषय पर भी जोर दिया कि भारत तेजी से हवाई अड्डों का निर्माण कर रहा है, जो 2014 में 74 से बढ़कर आज 125 हो गए हैं। उन्होंने यह भी घोषणा की कि सरकार 2029 तक 75 अतिरिक्त हवाई अड्डे जोड़ने की योजना बना रही है।
श्री गोयल ने कहा कि भारत अपने रक्षा क्षेत्र का भी तेजी से विस्तार कर रहा है और केंद्र दुनिया भर की कंपनियों को भारत में विनिर्माण के लिए शत-प्रतिशत स्वामित्व उपलब्ध कराने के साथ प्रोत्साहित कर रहा है। रक्षा क्षेत्र में फ्रांस के साथ सहयोग बढ़ाने का आह्वान करते हुए वाणिज्य मंत्री ने अपने भाषण में यह भी रेखांकित किया कि सरकार, अपनी मजबूत पेटेंट-संरक्षित व्यवस्था के साथ, प्रौद्योगिकी हस्तांतरण पर जोर नहीं देती है।
श्री गोयल ने वैश्विक सौर गठबंधन का जिक्र करते हुए कहा कि भारत और फ्रांस के पास नवीकरणीय ऊर्जा के क्षेत्र में साझेदारी की बहुत ज्यादा संभावनाएं है और अंतर्राष्ट्रीय सौर गठबंधन (आईएसए) बेहद सफल रहा है। 100 से अधिक देशों ने भारत और फ्रांस के सह-प्रायोजित और नेतृत्व वाले इस गठबंधन की सदस्यता ली है।
उन्होंने कहा कि भारत-फ्रांस साझेदारी की असली ताकत ‘विश्वास’ में है, दोनों भरोसेमंद साथी हैं जो विनिर्माण और सेवाओं में निवेश में लगातार भागीदारी को मजबूत करेंगे।
दोनों देशों के बीच व्यापार के विस्तार के बारे में श्री गोयल ने कहा कि कि वित्त वर्ष 2024 के लिए द्विपक्षीय व्यापार 15 अरब डॉलर तक पहुंच गया, जिसमें भारत का निर्यात सात अरब डॉलर और आयात आठ अरब डॉलर था। फ्रांस भारत के लिए 11वां सबसे बड़ा प्रत्यक्ष विदेशी निवेशक है और 750 से अधिक कंपनियों की यहां मौजूदगी है, जिसमें 70 भारतीय कंपनियां फ्रांस में काम कर रोजगार निर्माण और कौशल विकास में योगदान दे रही हैं।