भोपाल, 23 नवम्बर (वार्ता) मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा कि कोरोना काल में जब इस बीमारी से अनजान बड़े-बड़े डॉक्टर्स ने अपने क्लीनिक बंद कर दिए थे, तब उन परिस्थितियों में भी पुलिस ने अपनी जान की परवाह न करते हुए मोर्चा संभाला। कोरोना काल में ड्यूटी करते हुए 155 पुलिसकर्मी शहीद हुए। उन्होंने सच्चे मायने में ‘देशभक्ति-जन सेवा’ के संदेश को जिया और कर्त्तव्य की बलिवेदी पर प्राण न्यौछावर कर दिये। मैं सैल्यूट करता हूँ, ऐसे जांबाज योद्धाओं को। पुलिस जितनी सजगता और कर्तव्य परायणता के साथ काम करती है, उससे, उनके प्रति सम्मान और आदर में ओर अधिक वृद्धि हो जाती है।
डॉ. यादव शनिवार को भोपाल में अत्याधुनिक सर्व-सुविधायुक्त पुलिस चिकित्सालय ‘स्वस्ति’ के लोकार्पण समारोह को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने मैदानी पुलिसकर्मियों को अपराध एवं अपराधियों पर नियंत्रण करने की दृष्टि से निर्मित डिजिटल एप ई-रक्षक और दिशा लर्निंग ऐप को भी लोकार्पित किया।
उन्होंने कहा कि लगभग साढ़े बारह करोड़ की लागत से बने इस अत्याधुनिक अस्पताल ‘स्वस्ति’ में सारी सुविधाएं उपलब्ध हैं। पुलिस विभाग के वित्तीय प्रबंधन और अनुशासन की सराहना करते हुए उन्होंने कहा कि अस्पताल को देखकर लगता है कि इसकी लागत और अधिक होनी चाहिए थी। कार्यक्रम के प्रारंभ में पुलिसकर्मियों की बेटियों ने मुख्यमंत्री डॉ. यादव का तिलक लगाकर स्वागत किया। मुख्यमंत्री को पुलिस बैंड के साथ हर्ष फायर कर सलामी दी गई। मुख्यमंत्री ने अस्पताल का निरीक्षण कर विजिटर बुक में अपने विचार अंकित किए।
डॉ. यादव ने म.प्र. पुलिस के 40 हजार पुलिसकर्मियों को कोरोना काल में अदम्य साहस और सराहनीय कार्य के लिए कर्मवीर योद्धा पदक से सम्मानित करते हुए प्रशस्ति-पत्र प्रदान किए। उन्होंने सांकेतिक रूप से 5 पुलिसकर्मियों को पदक एवं प्रमाण पत्र प्रदान किए। कार्यवाहक निरीक्षक मुनेंद्र गौतम, उप निरीक्षक सुश्री प्रियम्वदा सिंह, गुलजार सिंह मार्को, आरक्षक अजय पाल सिंह और आरक्षक निशांत छारी को पदक एवं प्रशंसा पत्र प्रदान किए गए। मुख्यमंत्री ने पुलिस महानिदेशक सुधीर कुमार सक्सेना की सराहना करते हुए कहा कि विभाग का मुखिया ऐसा ही होना चाहिए है, जिस प्रकार से उन्होंने पुलिसकर्मियों के हित में स्वयं आगे होकर काम किए हैं।
पुलिस महानिदेशक ने ‘ई-रक्षक ऐप’ के संबंध में बताया कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा कॉन्फ्रेंस में अपने संबोधन में कहा था कि ‘इस इलेक्ट्रानिक युग में पुलिस को डंडे के बजाय डेटा से काम करने की आवश्यकता है। उनकी मंशा अनुरूप एमपी ई-रक्षक ऐप के द्वारा पुलिसकर्मियों को आदतन अपराधियों की जानकारी एक क्लिक पर उपलब्ध हो जाएगी। पुलिसकर्मी अपने ड्यूटी क्षेत्र में रहने वाले आदतन अपराधियों की जानकारी एक साथ देख सकेंगे। गश्त के दौरान संदिग्ध व्यक्ति के नाम को अपराधी के डेटाबेस में सर्च किया जा सकेगा। इसके साथ ही फेस रिकग्नाइजेशन मॉड्यूल के अंतर्गत आरोपी का फोटो अपलोड कर उसे संबंधित जानकारी प्राप्त की जा सकती है। इसके साथ ही व्हीकल सर्च विंडो में जाकर गाड़ी का रजिस्ट्रेशन, ईंजन या चेसिस नंबर के द्वारा वाहन से संबंधित जानकारी प्राप्त की जा सकती है। चोरी एवं जप्ती हुए वाहन की जानकारी भी प्राप्त हो सकेगी। अन्य सुविधाओं से युक्त इस ऐप का भोपाल, इंदौर तथा अन्य जिलों में चरणबद्ध तरीके से ट्रॉयल रन प्रारंभ किया गया है।
पुलिस महानिदेशक श्री सक्सेना ने कहा कि पुलिसकर्मी अपने कार्य के स्वरूप के कारण अपने व्यस्तताओं और मुख्यालय से बाहर ड्यूटी पर रहने के कारण बच्चों की शिक्षा पर ध्यान नहीं दे पाते हैं। इस दृष्टि से पुलिसकर्मियों के बच्चों को अत्याधुनिक शिक्षा की दृष्टि से शैक्षणिक माहौल प्रदान करने के लिए दिशा लर्निंग ऐप सेंटर स्थापित किए गए हैं। ये सेंटर जिलों एवं बटालियन में प्रारंभ किए गए हैं। इन सेंटर्स में पुलिसकर्मियों के बच्चे शिक्षा प्राप्त कर सकेंगे। ऐप से विद्यार्थियों को व्यापक सूचनाएं एवं मार्गदर्शन प्राप्त हो सकेगा। इसके साथ ही उन्हें कॅरियर गाइडेंस भी प्रदान किया जाएगा। यह ऐप 8वीं और उसके बाद की कक्षाओं के विद्यार्थियों के लिए बनाया गया है। यह ऐप विद्यार्थियों को आगे की पढ़ाई और रोजगार से संबंधित दिशा निर्धारित करने में सहायक होगा।
खेल एवं युवा कल्याण मंत्री विश्वास सारंग, पिछड़ा वर्ग एवं अल्पसंख्यक कल्याण राज्य मंत्री श्रीमती कृष्णा गौर, महापौर श्रीमती मालती राय, भोपाल सांसद आलोक शर्मा, विधायक भगवानदास सबनानी, अपर मुख्य सचिव गृह एस.एन. मिश्रा, पुलिस महानिदेशक सुधीर कुमार सक्सेना, अपर पुलिस महानिदेशक कैलाश मकवाना, अपर पुलिस महानिदेशक उपेन्द्र जैन एवं अन्य पुलिस अधिकारी उपस्थित थे।