जीतू पटवारी और जितेंद्र सिंह के बीच सुलह..

सियासत

राहुल गांधी की वजह से प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष जीतू पटवारी और प्रदेश प्रभारी भंवर जितेंद्र सिंह के बीच चल रहा विवाद पिछले दिनों समाप्त हो गया. इस विवाद की वजह से लंबे समय तक प्रदेश कार्यकारिणी गठित नहीं हो सकी थी. अब कार्यकारिणी गठित हो गई है. विजयपुर और बुधनी के विधानसभा उपचुनाव भी समाप्त हो गए हैं. कांग्रेस को स्पष्ट रूप से लग रहा है कि बुधनी में भाजपा की जीत का अंतर कम होगा. जबकि विजयपुर में वो जीतने की स्थिति में है. विजयपुर में एक तो कांग्रेस ने दबंग आदिवासी नेता मुकेश मल्होत्रा को चुनाव में टिकट दिया.

दूसरी बात यह रही कि ज्योतिरादित्य सिंधिया के समर्थक पूरे चुनाव से दूर रहे. खुद सिंधिया भी चुनाव प्रचार के लिए नहीं आए. भाजपा के पुराने और निष्ठावान कार्यकर्ता भी चुनाव से दूर रहे. इसलिए विजयपुर से कांग्रेस को आशा है. उपचुनाव समाप्त होने के बाद अब जीतू पटवारी ने प्रदेश संगठन को मजबूत करने पर फोकस बढ़ा दिया है. दरअसल, जीतू पटवारी द्वारा मैदानी स्तर पर कांग्रेस संगठन को मजबूत बनाने के लिए वरिष्ठ कांग्रेस नेताओं की एक प्रदेश स्तरीय समिति का गठन किया गया है.

उक्त समिति प्रदेश में समय-समय पर होने वाली संगठनात्मक बैठकों, धरना, प्रदर्शन, आंदोलनों का एजेंडा तैयार करने का काम करेगी. साथ ही केंद्र और प्रदेश की भाजपा सरकार की जनविरोधी नीतियों को उजागर करने के उद्देश्य से प्रारूप-संकलन तैयार करने का कार्य करेगी. पूर्व और वर्तमान विधायकों को जिम्मेदारी दी गई है. समिति में कांग्रेस के वरिष्ठ नेता विधायक डॉ. राजेन्द्र कुमार सिंह, पूर्व मंत्री सज्जन सिंह वर्मा, पूर्व मंत्री मुकेश नायक, पूर्व विधायक शैलेन्द्र पटेल, मप्र कांग्रेस के उपाध्यक्ष द्वय महेन्द्र जोशी, राजीव सिंह, महामंत्री त्रय संजय कामले, गौरव रघुवंशी और मृणाल पंत को शामिल किया गया है

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