121 फरियादी आवेदक पहुंचे कंट्रोल रूम
एडिशनल डीसीपी सहित कई एसीपी रहे मौजूद
इंदौर: प्रति मंगलवार को होने वाली पुलिस जनसुनवाई में अब फरियादी आवेदकों का विश्वास बढ़ने लगा है. यही कारण है कि पुलिस कंट्रोल रुम में अपनी फरियादी लेकर आने वालों की संख्या अब 121 तक पहुंच गई. जबकि पिछले कई मंगलवार को यह संख्या 30 से 40 तक भी नहीं पहुंच पाती थी. इस बार डीसीपी सहित कई एसीपी भी जनसुनवाई में मौजूद थे. यहां आने वाले ज्यादातर आवेदकों की समस्या पर तुरंत निराकरण किया गया. बचे हुए सभी आवेदकों को उनकी समस्याओं का निराकरण जल्द से जल्द करने का आश्वासन भी दिया.
पलासिया स्थित पुलिस कंट्रोल रुम में होने वाली जनसुनवाई में इस बार कुछ अलग ही माहौल दिखाई दिया. उसका कारण यहां आने वाले फरियादी आवेदकों की संख्या हर बार की अपेक्षा कहीं अधिक थी. पुलिस कमिश्नर संतोष कुमार सिंह ने ज्यादातर आवेदकों से वन टू वन चर्चा कर उनकी समस्याएं सुन संबंधित अधिकारियों को आदेशित कर उनके निराकरण के आदेश दिए. इस बार जनसुनवाई में ज्यादातर मामले जमीन, जायजाद के साथ धोखाधड़ी संबंधी और कब्जों की शिकायत लेकर आवेदक आए थे. वहीं कुछ मामले पारिवारिक विवाद के भी आए. पुलिस कमिश्नर ने यहां मौजूद चारों जोनों के अधिकारियों को आदेशित किया कि हर आवेदन का जल्द से जल्द निराकरण कर जवाब तलब किया जाए.
हर आवेदक के साथ न्याय हमारी प्राथमिकता
पुलिस कमिश्नर संतोश कुमार सिंह ने नवभारत से चर्चा करते हुए कहा कि जनसुनवाई में जो शिकायतें लेकर आवेदक आए हैं, उन पर वैधानिक कार्रवाई सुनिश्चित की जा रही है. सभी चारों जोनों के अधिकारियों को हर एक शिकायत पर तुरंत अमल करने के निर्देश दिए गए है. हमारी प्रथामिकता यही है कि हर आवेदक के साथ समय पर न्याय हो.
दिल्ली के व्यापारियों ने की शिकायत
पुलिस की जनसुनवाई में दिल्ली से भी कुछ फरियादी यहां पहुंचे. दिल्ली के व्यापारी छोटेलाल के साथ आए अन्य फरियादियों ने नवभारत से चर्चा में बताया कि उन्होंने पुलिस कमिश्नर को बताया कि हमारे साथ करोड़ों रुपए की धोखाधड़ी की गई है. इंदौर में रहने वाले एक व्यापारी ने प्रिटिंग और पैकेजिंग का काम करवाया था. मगर उसके बदले उन्होंने आज तक एक रुपया नहीं दिया. इस पर पुलिस कमिश्नर ने उन्हें आश्वासन दिया कि सारे सबूतों के आधार पर जो भी तथ्य सामने आएंगे उसी अनुसार प्रकरण दर्ज किया जाएगा.
25 हजार की नौकरी वाले पर आठ करोड़ की लगाई पैनल्टी
जनसुनवाई में पहुंचे अंकुर अवस्थी ने नवभारत को बताया कि वह 25 हजार रुपए की नौकरी करते है. मगर इनकम टैक्स विभाग ने उन्हें 8 करोड़ की पैनल्टी के नोटिस पर नोटिस भेज परेशान कर रखा है. अवस्थी ने बताया कि मामला नोटबंदी के दौरान का है. उस दौरान मेरे उस बैंक अकाउंट में लाखों का लेन देन हो गया, जो मैंने कभी खुलवाया ही नहीं था. मैंने अपने डाक्यूमेंट चेक किए तो मुझे पता चला कि न तो मेरा आधार कार्ड और न ही मेरा पैनकार्ड उस अकाउंट से लिंक है. बावजूद इसके मुझे नोटिस पर नोटिस आ रहे है