ट्रेनिंग पर भी आए और विरोध भी जता दिया

बागली: जनपद शिक्षा केंद्र बागली में शिक्षकों की ट्रेनिंग चल रही है। ट्रेनिंग के दौरान बड़ी संख्या में बागली ब्लॉक से जुड़े शिक्षक बागली स्थित जनपद शिक्षा केंद्र पर प्रतिदिन आ रहे हैं। इसी दौरान उन्होंने यू पी एस पेंशन स्कीम का विरोध अनूठे तरीके से जताते हुए अपनी बातें रखी। मामला यह हुवा की शिक्षकों ने ना तो शाला छोड़ी नाही अपना दायित्व छोड़ा शासन के निर्देश अनुसार सभी शैक्षणिक गतिविधि एवं शिक्षा के कार्य हमेशा की तरह सुचारू रूप से चल रहे हैं।

लेकिन विरोध स्वरूप हाथों में काली पट्टी बांधकर यू पी एस पेंशन स्कीम का विरोध जताया जा रहा है। शिक्षकों ने बताया कि नई पेंशन योजना में भी शिक्षकों के रिटायरमेंट भविष्य की पर्याप्त सुविधा नहीं है। शिक्षा विभाग में पेंशन इसलिए अति आवश्यक है। कि शिक्षक शैक्षणिक कार्य करते समय जिंदगी के 30 से 40 वर्ष। पूरी तरह शैक्षणिक गतिविधियों में बिता देते हैं इस दौरान शिक्षक अन्य कार्य पर समय नहीं दे पाते इसलिए सेवानिवृत्ति के बाद उनकी वृद्धावस्था सम्मान के साथ गुजरे इसलिए वह पेंशन के पक्षधर है।

अधिकतर शिक्षक ग्रामीण क्षेत्र में ड्यूटी के 8 घंटे के अलावा भी घर से आने-जाने में तीन से चार घंटे व्यतीत कर देते हैं। इसके चलते श्रम विभाग के नियम से भी अधिक श्रमदान शैक्षणिक तौर पर शिक्षकों का हो जाता है। चुनाव सहित अन्य गतिविधियों में भी शिक्षक के महत्वपूर्ण भूमिका रहती है। शिक्षा विभाग एसी शासकीय सेवा है। जिसमें शिक्षक शासकीय सेवा काल में अधिकारी और निर्वाचन अधिकारियों की आज्ञा का पालन सहर्ष करता है। उसके पास अतिरिक्त आय का कोई स्रोत नहीं रहता इसलिए शिक्षक बार-बार पुरानी पेंशन योजना को लागू करने की मांग कर रहा है। स्कूलों में नहीं होती चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी की नियुक्ति यह कार्य भी शिक्षक भली बातें करते हैं। स्कूल खोलने से लेकर पानी की व्यवस्था और झाड़ू लगाने का कार्य भी शिक्षक ही करते हैं।

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