इंदौर: जिस तरह शहर विकसित हो रहा है और जनसंख्या के साथ वाहन और प्रदूषण बढ़ता जा रहा है जो मानव स्वास्थ्य को कई तरह की बीमारियों की ओर धकेले जा रहा है. इसको लेकर जितनी कोशिशें की जा रही है फिलहाल तो सभी नाकाम दिखाई दे रही है.यहां चिंताजनक है कि दिनोंदिन शहर की आबोहवा में ज़हर घुल रहा है. सैकड़ों वाहनों से निकलने वाला धुआं, सड़कों से उड़ती धूल वायु को दुषित कर जनता के स्वास्थ्य पर बुरा असर डाल रहा है.
प्रदूषण विभाग की लाख कोशिशों के बावजूद अभी तक इस पर काबू नहीं पाया गया है. वर्तमान में अगर सिर्फ पिछले एक हफ्ते का रिकॉर्ड देखा जाए तो यहां स्तर गिरने के बजाए भयाकन स्थिति में देखा गया है. पिछले सोमवार 108, रविवार 113, बुधवार 154, शुक्रवार 159 एवं शनिवार तक 169 एअर मलिटी इंडेक्स दर्ज किया गया. यहां आंकड़ा घटने के बजाए इसमें उछाल ही देखने को मिल रहा है. ख़राब प्रदूषण के मामले में ग्वालटोली क्षेत्र का नाम सामने आता है, जहां 160 प्रदूषण इंडेक्स बना रहता है. पीएम 2.5 का अर्थ कणिकाएं होता है और इस का आकार 2.5 माईक्रोमिटर या इससे भी अधिक कम आकार का होता है जो हवां में तैरता रहता है जो सीधे फेफड़ों पर बुरा असर डाल कर स्वास्थ के लिए खतरा पैदा कर सकता है.
इनका कहना है
दिल्ली जैसा हाल होने से पहले ही प्रदूषण विभाग को सचेत हो जाना चाहिए ताकि आने वाले समय में हमें और हमारी पीढ़ी को काई तरह की घातक बीमारियों से बचाया जा सके.
– सोनू नामदेव
बढ़ते वाहन और वायुकण स्वास्थ्य के लिए घातक हैं. आप शहर के किसी भी क्षेत्र में निकल जाएं प्रदूषण से बच नहीं सकते. यह चिंताजनक है. इस समस्या का निराकरण ढूंढना ज़रूरी है.
– तरुण चौरसिया
जन सहयोग से क्लीन सिटी, ग्रीन सीटी में हमारी नंबर वन पोजिशन है. अब हमें स्वस्थ इंदौर के लिए मेहनत करनी पड़ेगी जिसके लिए जन जागरूकता के लिए मार्गदर्शन ज़रूरी है.
– रवि वर्मा